EY कर्मचारी की मौत ने Work Load और Work Culture पर उठाए सवाल, मां ने लिखी कंपनी के चेयरमैन को भावुक चिठ्ठी

| Updated: Sep 20, 2024, 08:22 PM IST

Representational Image

EY इंडिया की कर्मचारी अन्ना सेबेस्टियन की मौत ने वर्क कल्चर पर काम के दबाव को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. उनकी मां ने कंपनी के कल्चर पर आरोप लगाते हुए एक भावुक पत्र लिखा है. इस पत्र से कॉर्पोरेट जगत में हलचल मच गई है

EY India Case: EY इंडिया की एक युवा कर्मचारी अन्ना सेबेस्टियन पेरयिल की मौत ने कॉर्पोरेट जगत में काम के बोझ और कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है. अन्ना की मां अनीता ऑगस्टाइन ने अपनी बेटी की मौत के बाद कंपनी की वर्क कल्चर (Work Culture) पर गंभीर सवाल उठाए हैं. अन्ना की मां ने कंपनी के चेयरमैन राजीव मेमानी को एक भावुक लेटर लिखा है. इसमें उन्होंने कहा कि उनकी बेटी पर अत्यधिक (Excessive) काम का बोझ डाला गया था.

मां का भावुक लेटर
अन्ना सेबेस्टियन जो EY पुणे में मार्च में शामिल हुई थीं, जुलाई में 26 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गई. उनकी मां अनीता ने अपने लेटर में बताया कि अन्ना रोज देर रात तक काम करती थी. इससे उसकी सेहत पर बुरा असर पड़ा. उन्होंने लिखा कि अन्ना को सीने में दर्द था. काम का दबाव लेकिन इतना ज्यादा था कि वे इलाज के बावजूद छुट्टी नहीं ले सकी.

कंपनी के चेयरमैन का बयान
इस घटना के बाद सोशल मीडिया (Social Media) पर EY की वर्क कल्चर को लेकर भारी आलोचना हुई. EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी ने इस पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि कर्मचारियों की भलाई कंपनी की सर्वोच्च प्राथमिकता (Highest Priority) है. उन्होंने अन्ना के अंतिम संस्कार में कंपनी के किसी भी प्रतिनिधि (Representative) के शामिल न होने पर भी दुख जताया है. उन्होंने आश्वासन (Assurance) दिया कि आगे ऐसा कभी नहीं होगा.


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कॉर्पोरेट जगत में काम के दबाव पर बढ़ती चर्चा
अन्ना की मौत ने इस बात पर जोर दिया कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों के काम के घंटे (Working Hours) और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर ध्यान देना चाहिए. अनीता ऑगस्टाइन के लेटर में कहा गया कि काम के अलावा जीवन में और भी जरुरी चीजें हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

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