Google Maps का इस्तेमाल अक्सर हम तब करते हैं, जब रास्ता भटक जाते हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि गूगल मैप हमें दिशाहीन कर देता है, यानी हमें एक ऐसे रास्ते पर पहुंचा देता है जहां कोई रास्ता ही नहीं होता. ऐसा ही कुछ दो जर्मन टूरिस्ट फिलिप मायर और मार्सेल शोएने के साथ भी ऑस्ट्रेलिया में हुआ है. दोनों को गूगल मैप्स पर भरोसा करना भारी पड़ गया. नतीजतन वे उत्तरी क्वींसलैंड के एक जंगल में खो गए और कई दिन तक वहीं फंसे रहे.
कच्ची सड़क पर फंसा दिया गूगल मैप्स ने
बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक ,दोनों केर्न्स से बगामा जा रहे थे. गूगल मैप्स पर भरोसा करते-करते वो आगे बढ़ते रहे और एक सुनसान कच्ची सड़क पर पहुंच गए. 37 मील चलने के बाद उनकी कार कीचड़ में फंस गई. फिर मजबूरन उन्हें गाड़ी को वहीं छोड़कर पैदल आगे बढ़ना पड़ा. इसके बाद वे भटक गए और उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
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ऐसी चुनौतियों से जूझना पड़ा जंगल में
भटकने के बाद जंगल में पैदल चलते-चलते दोनों टूरिस्ट्स को मगरमच्छों से भरी नदी पार करनी पड़ी, तेज आंधी और गर्मी का सामना करना पड़ा. साथ ही उन्हें जंगल में खुले आसमान के नीचे रातें गुजारनी पड़ीं, क्योंकि उन्हें कोई ठिकाना नहीं मिला. गूगल ने इस घटना के लिए माफी मांगी और दोनों टूरिस्ट के सुरक्षित वापस आने पर अपनी खुशी जाहिर की है. साथ ही गूगल ने इस गलत रास्ते को गूगल मैप से हटा दिया है.
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पहले भी सामने आया ऐसा मामला
यह पहली बार नहीं है कि गूगल पर रास्ता देखते हुए लोग रास्ता भटक चुके हो. कुछ महीने पहले भी इससे जुड़ा केस सामने आया था. कुछ महीने पहले गूगल मैप्स ने कुछ लोगों को रेगिस्तान की ओर ले गया था, जहां वो सभी भटक गए थे. रास्ते में गूगल मैप्स उन्हें हाईवे से हटाकर रेगिस्तान की ओर ले गया था. उन लोगों के लिए वो रास्ता अंजान था फिर भी वो गूगल मैप्स के निर्देशों का पालन करते गए.
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