डीएनए हिंदी: आपने ऐसे कई मामले देखे होंगे जहां लोग जानकारी के अभाव में किसी चीज की सही कीमत नहीं समझ पाते. हम उसे कम कीमत पर बेच देते हैं. ऐसा ही एक मामला पश्चिमी यूरोप के फ्रांस से सामने आया है. यहां एक बुजुर्ग दंपति ने एक आर्ट डीलर को एक मुखौटा 13 हजार रुपये में बेच दिया था. इस मुखौटे की कीमत इससे कई गुना ज्यादा थी. इस बुजुर्ग दंपति को इसकी असली कीमत पता नहीं थी. डीलर ने बाद में इस मुखौटे को 36 करोड़ रुपये में नीलाम किया. इस बात का पता जब दंपति को चला तो वे हैरान रह गए. अब बुजुर्ग दंपति ने डीलर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है.
जानकारी के मुताबिक, निम्स शहर के रहने वाले दंपति ने साल 2021 में अपना घर खाली किया था. इस दौरान उन्हें घर में एक पुराना अफ्रीकी मुखौटा मिला, जिसे उन्होंने बेचने का फैसला किया. दंपति ने इस मुखौटे को मशहूर आर्ट डीलर को 129 पाउंड (13208 रुपये) में बेच दिया. दंपति से मुखौटा खरीदने के कुछ महीने बाद डीलर ने नीलामी की और मुखौटे को 3.6 मिलियन पाउंड (36,86,17,320 रुपये) में बेच दिया.
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दर्ज कराया धोखाधड़ी का मुकदमा
दंपति को इस नीलामी के बारे में तब पता चला जब उन्होंने अखबार में मुखौटे की बिक्री की खबर देखी. इसमें मुखौटे की कीमत देखकर उनके पांव तले जमीन खिसक गई. इसके बाद दंपति ने डीलर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है. आरोप है कि डीलर ने दंपति को अंधेरे में रखा और मुखौटे के बारे में सही जानकारी नहीं दी.
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बताया जा रहा है यह 19वीं सदी का दुर्लभ मुखौटा है. यह मुख्य रूप से गैबॉन लोगों के पास पाया जाता था. इसका इस्तेमाल शादी-विवाह जैसे समारोह और अंतिम संस्कार में किया जाता था. अदालती दस्तावेजों में इसे अपनी दुर्लभता के मामले में असाधारण बताया गया है. इसके साथ ही यह मुखौटा दुनियाभर के संग्रहालयों में बहुत कम संख्या में पाया जाता है. दंपति को यह मुखौटा इसलिए मिला क्योंकि उनके पति के दादा अफ्रीका में गवर्नर थे. फिलहाल, निम्स की अदालत में इस मामले को लेकर मुकदमा चल रहा है. अब देखना यह है कि कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाती है.
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