डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. एक शख्स ने गोरखपुर के कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि उसे भारत रत्न से सम्मानित किया जाए. पेश से ड्राइवर इस शख्स ने इसके पीछे वजह बताई है कि उसे भारत रत्न से सम्मानित होने का सपना आया था और उसके बाद से जोर-जोर से आवाज आई. उसी के बाद से विनोद नाम के इस शख्स को तीव्र इच्छा हो रही है कि वह भारत रत्न से सम्मानित हो. अब यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है.
विनोद नाम के इस शख्स ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, 'संध्या वंदन से पले मैं ध्यान साधना में बैठकर तपस्या कर रहा था कि अचानक मेरे अंत:करण से आाज आई कि मुझे भारत रत्न चाहिए, मुझे भारत रत्न चाहिए. यह आवाज बहुत तीव्र गति से उत्पन्न होने लगी. अत: आपसे निवेदन है कि प्रार्थी की समस्त मनोकामना पूरी करते हुए भारत रत्न से सम्मानित करें.' अब यह चिट्ठी अलग-अलग विभागों में घूम रही है.
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दो महीने से घूम रही है चिट्ठी
बताया गया है कि विनोद कुमार गौड़ नाम का यह शख्स एक कथावाचक के ड्राइवर के तौर पर काम करता है. तीन महीने पहले लिखी गई यह चिट्ठी तमाम दफ्तरों से घूमते हुए एक लेखपाल तक पहुंच गई है. यह चिट्ठी सितंबर महीने में कमिश्नर कार्यालय के लिए लिखी गई थी. उसके बाद से इसे अपर आयुक्त न्यायिक, जिलाधिकारी, सीडीओ और एसडीएम जैसे अफसरों को ट्रांसफर कर दी गई.
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अब लेखपाल ने विनोद से पूछा है कि वह ऐसा कौनसा काम करते हैं जिसके लिए उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए. विनोद ने सासंद से भी गुहार लगाई है. विनोद पहले ई-रिक्शा चलाते थे लेकिन ई-रिक्शा चोरी होने के बाद वह एक कथावाचक के ड्राइवर बन गए. अब वह साधना भी करते हैं और उनका कहना है कि इसी के लिए उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए.
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