डीएनए हिंदी: हरियाणा के झज्जर में एक परिवार को बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पा रहा था. इससे परेशान होकर इस परिवार ने मुर्गी की बीट से बिजली बना डाली. अब यह परिवार न सिर्फ खुद इस बिजली का इस्तेमला कर रहा है बल्कि इसे बेचकर पैसे भी कमा रहा है. इस बिजली से घर और हैचरी का सारा काम भी हो जाता है. अब यह परिवार मुर्गी की बीट से लगभग 50 किलोवाट बिजली पैदा कर रहा है. मुर्गी फार्म पर ही ऐसे उपकरण लगाए गए हैं जो 24 घंटे बिजली बनाते रहते हैं. इससे न सिर्फ बिजली मिलती है बल्कि दुर्गंध और गंदगी से भी निजात मिल गई है.
झज्जर के गांव सिलानी केशो निवासी किसान रामेहर ने बिजली कनेक्शन के लिए बिजली निगम के कई चक्कर लगा लिए थे. तमाम प्रयासों के बावजूद कनेक्शन नहीं मिल पा रहा था. तंज आकर रामेहर ने तय किया कि वह खुद ही अपने घर पर बिजली बनाएंगे. इसके लिए किसान रामेहर ने कृषि विभाग के सहयोग से अपने घर पर 20 हजार मुर्गियों की हैचरी लगवाई. रामेहर ने शुरुआत में मुर्गियों की बीट से गैस बनाई और अपने घर की जरूरतों को पूरा किया. हालांकि, अब वह इसे ऐसा रूप दे चुके हैं कि लोग देश-विदेश से भी उनका यह आविष्कार देखने आ रहे हैं.
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पहले गैस, फिर बना दी बिजली
भारतीय सेना में सुबेदार के पद से रिटायर हुए रामेहर ने अपने मुर्गी फार्म में मुर्गियों की बीट से बिजली बनाने का प्लांट लगा रखा है. इससे पहले उन्होंने 85 और 85 क्यूबिक मीटर के दो टैंक बनाए थे और उनसे गैस बना रहे थे. फिर 50 प्रतिशत गैस और 50 प्रतिशत डीजल से जेनरेटर चलाया और 30 किलोवाट बिजली पैदा होने लगी. 2011 में 160 क्यूबिक मीटर का डाइजेस्टर टैंक बनाया और 50 किलोवाट बिजली पैदा की. अब 240 क्यूबिक मीटर का एक टैंक बनाया है और कहीं से बिजली लेने की जरूरत ही नहीं पड़ती.
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अब रामेहर ने अपने फार्म पर दो डाइजेस्टर बना रखे हैं जिनसे 24 घंटे बिजली नबाई जा रही है. वहीं, उनके बेटों ने दूसरे गांव में चार डायजेस्टर बनाए हैं और उनसे भी बिजली का उत्पादन हो रहा है. रामेहर ने बताया कि वह मुर्गी की बीट से सीएनजी बनाने की कोशिश भी कर चुके हैं लेकिन यह प्रयास अभी तक सफल नहीं हो पाया है.
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