Success Story: बेटी के लिए कुली से बने आईएएस, स्टेशन के वाई-फाई से रात भर करते थे पढ़ाई 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 18, 2023, 08:28 PM IST

Sreenath Success Story

IAS Success Story: कुछ लोगों की सफलता की कहानी पूरे समाज के लिए मिसाल बन जाती है. केरल के आईएएस श्रीकांत की कहानी कुछ ऐसी ही है. वह एक कुली थे लेकिन बेटी के बेहतर भविष्य के लिए यूपीएससी की तैयारी की और सफल हुए. 

डीएनए हिंदी: श्रीनाथ केरल के एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर कुली का काम किया करते थे. अपनी बेटी की पढ़ाई-लिखाई और अच्छी शिक्षा देने के लिए वह खूब मेहनत करते थे. कुछ ही दिन में उन्हें समझ आ गया कि अच्छी परवरिश का जो सपना देख रहे हैं वह इस कमाी में मुमकिन नहीं है. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने की सोची. इसके लिए उन्होंने स्टेशन के फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल किया और दिन-रात कुली का काम करने के साथ पढ़ाई भी की. उनकी मेहनत रंग लाई और आखिरकार वह आईएएस बन ही गए. उनकी सफलता की कहानी ऐसे सभी लोगों के लिए मिसाल है जो मुश्किलों से घबराते नहीं हैं और अपने सपने पूरे करना चाहते हैं. जानिए श्रीनाथ को कैसे मिली आईएएस बनने की प्रेरणा. 

ऐसा नहीं है कि श्रीनाथ की कहानी में सब कुछ तुरंत होता चला गया. उनकी इतनी आमदनी नहीं थी कि वह कोचिंग ले सकें तो पहले उन्होंने केरल पीसीएस की तैयारी की और उसमें सफल रहे. इसके बाद उन्होंने नौकरी में रहते हुए यूपीएससी की तैयारी की और पहले 3 प्रयास में असफल रहे. हालांकि, इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत करते रहे. आखिरकार उनकी कोशिश रंग लाई और वह यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बन ही गए. 

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बेटी की परवरिश के लिए की जी-जान से मेहनत 
श्रीनाथ चाहते थे कि उनकी बेटी की परवरिश अच्छी तरह से कर सकें. इसके लिए कुली से होने वाली आमदनी काफी नहीं थी. कमाई इतनी नहीं थी कि वह कोई और काम शुरू कर सकें तब उन्हें रेलवे स्टेशन पर फ्री वाई-फाई के बारे में पता चला. उन्होंने इंटरनेट और वाई-फाई के जरिए अपनी पूरी पढ़ाई की. कुली का काम करते हुए उन्होंने पढ़ाई और तैयारी जारी रखी. आखिरकार पहले उन्होंने केरल की सरकारी नौकरी का एग्जाम निकाला और फिर यूपीएसएसी में सफल हुए. 

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कोचिंग और स्टडी मटेरियल खरीदने के नहीं थे पैसे 
श्रीनाथ ने बताया कि उनकी आर्थिक हालत ऐसी भी नहीं थी कि वह कोचिंग ले सकते या फिर स्टडी मटेरियल ही खरीद पाते. ऐसे में उनके पास पढ़ने के लिए सबसे आसान विकल्प यही था कि वह इंटरनेट से सारी पढ़ाई करें. इसके लिए भी उन्होंने रेलवे स्टेशन के फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल किया और अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य पर ध्यान रखकर सफल रहे. श्रीनाथ की सफलता की कहानी बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा की मिसाल है.

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