डीएनए हिंदी: पुणे के कॉसमॉस बैंक मुख्यालय का डाटा हैक कर 94 करोड़ 42 लाख की चोरी गई थी. लूटने वालों ने बैंकिंग सेक्टर को करीब 7 घंटों के लिए लाचार कर दिया था. यह देश की अब तक बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़ी लूट थी. 11 अगस्त, 2018 को हुए इस साइबर अटैक ने बैंक सेक्टर की नींद उड़ा दी थी. इस घटना के 5 साल बाद बीते अप्रैल में पुणे कोर्ट ने गुनहगारों को सजा सुनाई थी. आज हम आपको बताएंगे कि इस साइबर लूट को कैसे अंजाम दिया गया था.
बैंक मुख्यालय के सर्वर को हैक कर वीसा और रूपी डेबिट कार्ड की जानकारी चुराई गई थी. विदेश में करीब 12,000 बार ट्रांजेक्शन कर 78 करोड़ रुपये निकाल लिए गए. हैकर्स ने कॉसमॉस बैंक के डेबिट कार्ड के माध्यम से होने वाले पेमेंट सिस्टम पर हमला बोला था. इसके माध्यम से भारत में भी 2849 बार ट्रांजेक्शन कर ढाई करोड़ निकाले गए. पुलिस ने इस घटना पर बताया था कि कॉसमॉस बैंक से साइबर डकैती के बाद हांगकांग में हॅनसन बैंक के एलएम ट्रेडिंग कंपनी में स्विफ्ट मैसेजिंग सिस्टम के जरिए पैसे डाले गए थे. उसके बाद उसमें से 13 करोड़ 92 लाख रुपये जमा करने के बाद निकाल भी लिए गए थे.
बैंक पर ऐसे हुआ था साइबर अटैक
इस साइबर अटैक में कॉसमॉस बैंक से कुल 94 करोड़ 42 लाख रुपये की डकैती हुई थी. बैंक द्वारा गई एफआईआर में लिखा गया था कि बैंक के मुख्यालय में एटीएम स्विच (सर्वर) को मालवेयर अटैक के जरिए हैक कर लिया गया. इस दौरान डेबिट कार्ड के 14,849 ट्रांजैक्शन के जरिए 80.5 करोड़ रुपए बैंक के खातों से चुरा कर विदेशी खातों में ट्रांसफर किए गए. हजारों डेबिट कार्ड को हैक किया गया था. यह भी बताया गया था कि एक दूसरा ट्रांजैक्शन भी किया गया था, जिसमें 13.9 करोड़ रुपए की रकम विदेशी खातों में भेजी गई थी. बता दें कि हैकर्स ने क्लोन कर इसे अंजाम दिया था.
पुलिस ने इतने लोगों को बनाया था आरोपी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे बड़ी बैंकिंग लूट में पुणे पुलिस ने कुल 18 लोगों को आरोपी बनाया था. जिसमें करीब 17 हजार पेज की चार्जसीट फाइल की थी. पुलिस ने 5.72 करोड रुपए रिकवर भी किए थे. जो कि हांगकांग की एक कंपनी को ट्रांसफर किए गए थे. जानकारी के लिए आपको बता दें कि अप्रैल 2023 में पुणे कोर्ट ने इस मामले में 11 लोगों को सजा सुनाई है. जिसमें कुछ लोगों को 4 साल और कुछ लोगों को 3 साल की कारावास की सजा दी गई है.
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