डीएनए हिंदी: आजादी के अमृत महोत्सव को सेलिब्रेट करने और अमृत काल की शुरुआत के तौर पर भारतीय रेलवे ने 3.5 किलोमीटर लंबी सुपर वासुकी ट्रेन चलाई. इस ट्रेन में 6 इंजन और 295 बोगी लगी थीं. इस ट्रेन की 295 बोगियों में 27,000 टन वजन ले जाया गया. सुपर वासुकी ट्रेन में छत्तीसगढ़ के कोरबा से नागपुर के राजनांद गांव तक कोयला ले जाने के लिए पांच मालगाड़ियां को एक साथ जोड़ा गया था. रेलवे द्वारा चलाई गई यह अब तक की सबसे भारी मालगाड़ी है.
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नेशनल ट्रांसपोर्टर के मुताबिक इस ट्रेन को एक स्टेशन पार करने में करीब चार मिनट लगे. यह ट्रेन कोरबा से करीब 2 बजे रवाना हुई और लगभग 11 घंटे 20 मिनट में 267 किमी की दूरी तय कर पाई. मालगाड़ी का नाम हिंदूओं के भगवान शिव जी के गले के सर्प वासुकी पर रखा गया है. अधिकारियों के अनुसार सुपर वासुकी ट्रेन में पूरे दिन के लिए 3000 मेगावाट बिजली का कोयला आता है. भारतीय रेलवे अब लंबी मालगाड़ियां चलाने के बारे में सोच रहा है जिससे हाई डिमांड के समय में भी आसानी से कोयला पहुंचाया जा सके. इस साल की शुरुआत में बिजली संयंत्रों पर कोयले की कमी के कारण देश के सामने बिजली संकट आ गया था.
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