महिला ने टीचर से मांगे थे 500 रुपए पर मिले 51 लाख, जानें कैसे हुआ ये कमाल

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 22, 2022, 10:10 AM IST

टीचर गिरिजा ने सुभद्रा की मदद क्राउडफंडिंग के जरिए की. 

केरल की एक महिला गुजारा करने के लिए पाई-पाई की मोहताज थी. उसे सोशल मीडिया पर एक कैंपेन के जरिए 51 लाख रुपये मिल गए हैं.

डीएन हिंदी: केरल के पलक्कड़ जिले में रहने वाली 46 साल की सुभद्रा बेहद गरीब परिवार से आती हैं. अगस्त में उनके पति की मौत हो गई. परिवार चलाने का सारा खर्च सुभद्रा के सिर पर आ गया. वह पढ़ी-लिखी भी इतनी नहीं हैं कि उन्हें रोजगार मिल जाता. उनके तीन बच्चे हैं, जिनमें से एक दुर्लभ सेरेब्रल प्लासी बीमारी से पीड़ित है. सुभद्रा के पास खाने तक को पैसे नहीं थे. तीनों बच्चों के लिए खाने का इंतजाम करने में जुटी सुभद्रा थक-हारकर अपने बेटे अभिषेक की टीचर से 500 रुपये देने की गुहार लगाई, इस अपील  के बाद सुभद्रा के साथ जो कुछ हुआ, उसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. सुभद्रा की जिंदगी ही बदल गई.

सुभद्रा ने अपने बेटे की टीचर गिरिजा हरिकुमार से 500 रुपय की मदद मांगी थी और उन्हें जितना मिला, उसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी. एक मदद की गुहार पर उनकी दुनिया में बहार आ गई.

गिरिजा ने जब सुभद्रा की बदहाली देखी तो उनकी आंखें नम हो गईं. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों से मदद मांगी. उन्होंने क्राउड फंडिंग की गुहार लगाई. पोस्ट में उन्होंने सुभद्रा के बैंक अकाउंट का विवरण शेयर किया था, जिससे पैसे उनके खाते में सीधे ट्रांसफर हो सके. सुभद्रा की पोस्ट देखते-देखते वायरल हो गई. लोगों ने इतना दान किया कि सुभद्रा अमीर हो गईं. उनके बैंक खाते में कुल 51 लाख रुपये की राशि पहुंच गई. दानवीरों ने इतनी रकम दे दी है कि अब सुभद्रा अपने बच्चों की परवरिश अच्छी तरह से कर सकती हैं.

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'रसोईघऱ में मुट्ठीभर अनाज, बदहाली ऐसी थी सुभद्रा की जिंदगी'

गिरिजा कहती हैं कि सुभद्रा ने मुझसे 500 रुपये मांगे थे. मैंने उन्हें 1,000 रुपये दिए और कहा कि मैं कुछ करूंगी. सुभद्रा के घर की तंगहाली देखने गिरिजा उनके घर तक गईं. परिवार की आर्थिक स्थिति सच में दयनीय थी. वे गरीबी में जिंदगी गुजर-बसर कर रहे थे. उनके रसोईघर में मुट्ठीभर अनाज था और परिवार के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था.

सोशल मीडिया पर लोग गिरिजा की जमकर तारीफ कर रहे हैं. खुद गिरिजा भी हैरान हैं कि उनकी पोस्ट का ऐसा असर हो सकता था. गिरिजा ने कहा, 'सुभद्रा की मदद के लिए पोस्ट करते समय मेरे दिमाग में केवल दो इरादे थे. पहला कि उनका अधूरा घर पूरा हो और वे एक बेहतर जगह पर शिफ्ट हो जाएं. दूसरा वह मां अपने बच्चों को खिलाने और शिक्षित करने के लिए किसी से भीख न मांगे. मुझे नहीं पता, मैं नहीं जानती कि मैं कैसे आपको शुक्रिया कहूं.' गिरिजा ने सोशल मीडिया पर यह पोस्ट शेयर करते हुए एक तस्वीर भी लगाई.

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51 लाख का क्या करेंगी सुभद्रा?

सुभद्रा अपने पति के निधन के बाद आधा बने घर को पूरा कराएंगी. उनके पति ने मौत से कुछ महीने पहले इसे बनाना शुरू किया था. अपने परिवार की परवरिश के लिए वह बाकी की धनराशि बैंक में ही जमा कराएंगी. सोशल मीडिया के दानवीरों ने सुभद्रा की पूरी जिंदगी बदल दी और उनके बच्चों का भविष्य उज्ज्वल कर दिया.

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