Kuno National Park: 'बलि का बकरा' जिसका तेंदुए भी नहीं कर पाए शिकार, अब...

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 20, 2022, 12:02 PM IST

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बकरे को एक बार नहीं बल्कि 20 बार चारे के तौर पर बांधा गया लेकिन हर बार वह बच गया.

डीएनए हिंदी: 17 सितंबर भारत के लिए ऐतिहासिक दिन था. इस दिन 70 साल हमारे देश में चीते लौटे. बड़ी ही शान से आठ चीतों को नामीबिया से एक विशेष जेट में भारत लाया गया और मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया. इन आठ में से पांच मादा और तीन नर हैं. जिस पार्क में इन चीतों को बसाया जा रहा है वहां पहले 6 तेंदुए थे. इन चीतों को तेंदुओं से खतरा था. इस वजह से उन्हें वहां से हटाने के लिए एक प्लानिंग की गई. 

तेंदुओं को जाल में फंसाने क लिए एक बकरे का चारे के तौर पर छोड़ा गया. अब हैरत की बात यह है कि सभी तेंदुए पकड़े गए और बकरा अभी भी जिंदा है. वह अब भी वहीं है देखने वाली बात होगी कि चीते इस बकरे को अपना शिकार बना पाते हैं या नहीं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बकरे को एक बार नहीं बल्कि 20 बार चारे के तौर पर बांधा गया लेकिन हर बार वह बच गया.

यह भी पढ़ें: Video: आम खाने पेड़ पर चढा तेंदुआ, ऐसा फंसा कि बुलानी पड़ी फायर ब्रिगेड की टीम

बता दें कि चीतों को 12 वर्ग किलोमीटर के बाड़े में रखा गया है. इस बाड़े में पहले चीथे थे. दो महीने पहले तक वहां चीतों का घूमना-फिरना था ऐसे में लग रहा था कि चीतों का आना पोस्टपोन करना पड़ सकता था. पहले वे 15 अगस्त को भारत आने वाले थे लेकिन इसी वजह से तारीख आगे बढ़ाई गई और 17 सितंबर को चीते भारत पहुंचे. आज भी वह जंगल में आराम से घूमता और घास खाता नजर आ रहा है. कूनो नेशनल पार्क के कर्मचारी इसे बहुत ही भाग्यशाली बकरा बता रहे हैं.

यह भी पढ़ें: Delhi Pollution: फिर दिल्ली का दुश्मन बना प्रदूषण, इन इलाकों में हालात खराब

 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

kuno national park Cheetah cheetah back to india