डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक किसान की मौत के बाद एक बंदर उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचा था. जिसके बाद वह कभी जमीन पर तो कभी रो रही महिलाओं के बीच बैठकर खुद भी रोता रहा. ऐसा दृश्य देखकर हर कोई हैरत में पड़ गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला लखीमपुर खीरी के बिजुआ क्षेत्र के गोंधिया गांव का है. यहां के रहने वाले 62 वर्षीय चंदन वर्मा की सोमवार की शाम मृत्यु हो गई थी. पैरालिसिस का शिकार चंदन पिछले दो महीनों से बीमार थे. उनकी मौत की खबर पर आसपास के लोग और परिवार के लोग इकट्ठा हो गए थे. इस बीच कहीं से एक बंदर जाकर उनके पास बैठ गया और रोने लगा.
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शव देखने के बाद जंगल की ओर लौट गया बंदर
ग्रामीणों ने बताया कि बंदर चंदन लाल के शव पर पड़ी चादर को हटाकर देखने लगा और कुछ देर तक वहीं खड़ा रहा. इतना ही नहीं बल्कि वहां रो रही महिलाओं की गोद में सिर रखकर खुद भी रोने लगा. कुछ देर बाद रोती हुई महिलाओं पर अपना हाथ रखकर भी ढांढस भी बंधाया. जब ग्रामीण और परिजन बुजुर्ग का शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए जाने लगे तो वह भी उनके पीछे-पीछे जाने लगा. कुछ दूर साथ चलने के बाद वह जंगल की ओर चला गया.
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किसान और बंदर के बीच हो गई थी दोस्ती
ग्रामीणों ने बताया कि 4 साल पहले चंदन जंगल किनारे अपने खेत पर प्रतिदिन जाते थे. वह जब वहां जाते थे तो बंदरों के लिए खाना भी ले जाते थे. उनमें से एक बंदर उनके पास ज्यादा रहता था. जब वह काम खत्म करके खेत से घर की ओर लौटते थे तो बंदर उन्हें आधे रास्ते तक छोड़कर वापस जंगल में लौट जाता था. पिछले को सालों से बीमार हो जाने के बाद वह खेत की ओर नहीं जाते थे लेकिन बंदर उन्हें भूल नहीं था. स्थानीय लोगों का कहना है कि वह इस बात से हैरान है कि बंदर कोई यह जानकारी कैसे मिली. कुछ लोगों ने अभी कहा कि इंसान एक दूसरे को भूल जाता है लेकिन जानवर नहीं भूलते हैं.
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