600 फोन कॉल और 80 ईमेल...वत्सल को यूं मिली वर्ल्ड बैंक की नौकरी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 26, 2022, 05:28 PM IST

वत्सल नौकरी की तलाश में थे लेकिन मंदी के कारण कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही थीं.

डीएनए हिंदी: अगर आप पूरी मेहमत और लगन से किसी चीज को कामयाब करने में जुट जाएं तो सफलता मिलना लगभग तय होता है. आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताने वाले हैं जिसने बुरे वक्त में भी धैर्य रखकर अपनी कोशिशें जारी रखी और बुरे वक्त को पीछे छोड़कर आज बहुत बड़ी सफलता हासिल कर ली है. SRCC से ग्रेजुएट वत्सल नाहटा की संघर्षों से भरी यह यात्रा 2020 में कोविड-19 के समय शुरू हुई थी.

वत्सल कोविड-19 के समय अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वाले थे. वत्सल नौकरी की तलाश में थे लेकिन मंदी के कारण कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही थीं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कंपनियों में सिर्फ अमेरिकी कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए दबाव बनाया था. वत्सल की पढ़ाई पूरी होने वाली थी और कोई नौकरी नहीं थी. वत्सल ने सोचा कि जब अमेरिका में नौकरी नहीं मिली तो येल आने का क्या ही फायदा. वत्सल चाहते थे कि उसकी पहली सैलरी डॉलर में हो.

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वत्सल ने सोशल नेटवर्किंग शुरू की. इसके बाद करीब 1500 से ज्यादा जॉब रिक्वेस्ट भेजे, 600 ईमेल किए और करीब 80 जगहों पर फोन कॉल्स की लेकिन उसे सब जगह से ना सुनने को मिला. इसके बाद वह निराश हो गया लेकिन 2 महीने बाद वत्सल की मेहनत रंग लाई और उसे एक साथ 4 जॉब ऑफर आए जिनमें से उसने विश्व बैंक की जॉब को चुना और वह अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में काम कर रहा है. वत्सल का कहना है, मैंने इन 2 महीनों में बहुत कुछ सीखा है और 4 बहुत ही महत्व की बातें सीखी हैं पहली ये कि इस समय में मुझे नेटवर्किंग की असली ताकत का पता चल गया और दूसरी यह कि मैं अमेरिका में एक अप्रवासी के रूप में अपना रास्ता स्वंय ढूंढ सकता हूं. तीसरी बात यह कि IVY लीग की डिग्री ही मुझे आगे ले जाएगी और चौथी यह कि कोविड-19 का समय मेरे लिए विकसित होने का मौका था.

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