Shocking! भारत के इस रहस्यमयी गांव में उड़ते-उड़ते अचानक मर जाती हैं चिड़िया

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 30, 2022, 04:25 PM IST

ये घटनाएं सितंबर से नवंबर के महीनों में ज्यादा होती हैं. शाम के 7 बजे से रात के 10 बजे के बीच बड़ी संख्या में चिड़िया अपनी जान गंवा बैठती हैं.

डीएनए हिंदी: अपनी स्पीड की वजह से जान गंवा बैठती हैं चिड़िया. सुनने में आपको अटपटा लग रहा होगा लेकिन यह सच है भारत में एक जगह है जहां चिड़िया अपनी ही स्पीड की वजह से जान गंवा बैठती हैं. लोग इस जगह के बारे में कई तरह की बातें बनाते हैं. कोई कहता है कि इस जगह पर भूतों का साया है तो वहीं कोई इस जगह को ही अजीब बताता है. आप खुद ही सोचिए अगर कहीं चिड़िया बेचारी इस तरह एक्सिडेंट का शिकार होकर जान गंवाएंगी तो कोई क्या ही कह सकता है. यह खबर असम की बोरेल पहाड़ियों के बीच बसे गांव जतिंगा की है. इस गांव को ‘चिड़ियों का सुसाइड पॉइंट’ कहा जाता है. 

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रिपोर्ट्स की मानें तो यहां चिड़िया काफी तेज गति से उड़ती हैं और इसके चलते इमारत या पेड़ों से टकरा जाती हैं. यूं टकराने की वजह से वे कई बार गंभीर रूप से घायल हो जाती हैं. जिससे कभी तो वे मर जाती हैं और कभी उड़ नहीं पातीं. ये घटनाएं सितंबर से नवंबर के महीनों में ज्यादा होती हैं. शाम के 7 बजे से रात के 10 बजे के बीच बड़ी संख्या में चिड़िया अपनी जान गंवा बैठती हैं.

क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं?

जातिंगा प्राकृतिक कारणों के चलते करीब 9 महीने के लिए राज्य के दूसरे शहरों से  कट जाता है. रात में इस गांव में एंट्री करने पर भी बैन रहता है. बर्ड एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज्यादा मैगनेटिक फोर्स की वजह से इस तरह की घटनाएं होती हैं. मतलब है कि यहां चुंबकीय शक्ति बहुत ज्यादा है. यह भी माना जाता है कि कोहरे से भरे मौसम में यहां हवाएं बहुत तेज चलती हैं. इस वजह से चिड़िया उड़कर लाइट के सोर्स के पास जाती हैं. लाइट ना होने के कारण उन्हें साफ दिख नहीं पाता है और वो घरों, पेड़ों और गाड़ियों से भिड़ जाती हैं. गांववालों का मनना है कि गांव में कोई बुरी शक्ति है जो पक्षियों को यहां जीवित नहीं रहने देती है.

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