डीएनए हिंदी: संविधान ने हर जाति, धर्म, नस्ल और लिंग को समानता का अधिकार तो दे दिया लेकिन समाज बार-बार यह साबित करता है कि वह कागज पर लिखे कानूनों को नहीं मानेगा. कुछ मनचले ऐसे हैं जिन्हें कानून नहीं, अपने हिसाब से दुनिया चलानी होती है. हर जाति का व्यक्ति, हर काम कर सकता है, यह संविधान कहता है लेकिन कुछ दबंगों को यह बात रास नहीं आई है. राम अवतार वर्मा नाम के एक शख्स को महज इसलिए मोची का काम नहीं करने दिया जा रहा है, क्योंकि वह वर्मा टाइटल लगाता है. सामान्यतौर पर यह सरनेम क्षत्रिय जाति के लोग लिखते हैं.
यह मामला देश की राजधानी दिल्ली का है. मयूर विहार फेज 1 में राजस्थान के रहने वाले राम अवता वर्मा बेहद दुखी हैं. उन्हें वर्मा सरनेम हटाने के लिए बाध्य किया जा रहा है. उनका आरोप है कि एक स्थानीय व्यक्ति उन्हें परेशान कर रहा है.
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वर्मा सरनेम हटाने के लिए किया जा रहा है मजबूर
राम अवतार वर्मा मोची का काम करते हैं. वह फुटपाथ पर दुकान लगाते हैं और अपने नाम और मोबाइल नंबर के बोर्ड पर घिरे हैं. उन्होंने अपने बोर्ड पर पूरा नाम लिखा है. उन्हें नाम का बोर्ड हटाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. उनसे कहा जा रहा है कि वह जाति बदलें. एक बुजुर्ग शख्स उन्हें प्रताड़ित कर रहा है. उन्होंने पुलिस से मदद मांगने का फैसला किया है.
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