डीएनए हिंदी: आज के समय में ज्यादातर लोग सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. हो सकता है आप भी इनमें से एक हों. आप में से अधिकतर लोग सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर का भी इस्तेमाल करते होंगे लेकिन जरा सोचिए हर रोज की तरह एक दिन आपने अपने ट्विटर अकाउंट से कोई ट्वीट किया हो और उसके थोड़ी ही देर बाद आपको जेल की सजी सुना दी जाए तो? कुछ ऐसा ही हुआ एक महिला के साथ. महिला को एक ट्वीट करना भारी पड़ गया. अब उन्हें इसके लिए एक-दो नहीं बल्कि 34 साल की सजा सुनाई गई है.
क्या है पूरा मामला?
मामला सऊदी अरब का है और महिला का नाम सलमा अल-शहाब है. सलमा ब्रिटेन के लीड्स विश्वविद्यालय (Leeds University) में पढ़ती हैं और उनके 2 बच्चे हैं. इसके अलावा ट्विटर पर उनके 2,600 फॉलोवर्स हैं. The Guardian की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सलमा पर देश में सार्वजनिक अशांति पैदा कर एक्टिविस्टों की मदद करने के आरोप लगाए गए हैं.
दरअसल, सलमा शिया मुस्लिम हैं और वे सुन्नी देश की मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के बारे में लिखती रहती थीं. सलमा अल-शहाब ने अपने ट्विटर अकाउंट से सऊदी महिलाओं के अधिकारों को लेकर कई ट्वीट-रीट्वीट किए थे. साथ ही जेल में बंद एक्टिविस्ट Loujain al-Hathloul समेत कई अन्य महिला कार्यकर्ताओं की रिहाई की वकालत भी की थी. इन सब के चलते सऊदी सरकार ने सलमा पर ट्विटर के माध्यम से लोगों के बीच अशांति पैदा करने के आरोप लगाए हैं.\
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जानकारी के अनुसार, साल 2021 में सलमा ब्रिटेन से अपनी छुट्टी पर सऊदी आईं थीं, इसी दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जून के महीने में सलमा को 6 साल की सजा सुनाई गई जिसमें से 3 साल की सजा निलंबित हो गई और उनकी यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा दिया. अब इस सजा को और सख्त कर दिया गया है.
सऊदी सरकार का कहना है कि उनके ट्वीट से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ है इसलिए अब उन्हें 34 साल की सजा सुनाई जाती है. इतना ही नहीं, यह सजा पूरी होने के बाद सलमा को 34 साल के ट्रैवल-बैन का भी सामना करना पड़ेगा.
बता दें कि सऊदी अरब में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी महिला को इतनी लंबी सजा दी गई है. सऊदी अरब के कई मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले की निंदा की है. मामले को लेकर डॉ बेथने अल हैदरी का बयान भी सामने आया है. डॉ बेथने अमेरिका में 'ह्यूमन राइट्स आर्गनाईजेशन' में सऊदी केस मैनेजर हैं. उनका कहना है कि सऊदी दुनिया के सामने महिलाओं के हितों के लिए काम करने की डींगे मार रहा है, कह रहा है कि महिलाओं की स्थिति सुधर रही है, कानूनी सुधार हो रहे हैं लेकिन जिस तरह सलमा को सजा सुनाई गई है, उस देखकर यह साफ कहा जा सकता है कि वहां के हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं.
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