Britain के मशहूर स्कूल Notting Hill में पढ़ाने वाले टीचर स्मिथ को हाल ही में नौकरी से निकाल दिया गया था. स्कूल प्रशासन ने उन पर आरोप लगाया था कि वो क्लास में सोते थे. टीचर स्मिथ ने लेकिन हार नहीं मानी. वह स्कूल के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट पहुंच गया. मजेदार बात ये है कि कोर्ट ने फैसला टीचर के हक में सुनाया और उन्हें करीब 2 करोड़ का मुआवजा दिलाया.
स्मिथ ने कोर्ट में साबित कर दिया कि वो क्लास में सोता नहीं था, बल्कि आंखें बंद करके गहराई से सोचता था. उन्होंने कहा कि उनके सोचने का तरीका यही है. कोर्ट ने भी माना कि टीचर के पास क्लास में सोने का कोई इरादा नहीं था, बल्कि वो गहरी सोच में था.
टीचर स्मिथ ने कोर्ट में यह भी दावा किया कि स्कूल प्रशासन की हरकतों से की वजह से उन्हें मानसिक तनाव झेलना पड़ा और जिसकी वजह से वह काफी बीमार हो गए. कोर्ट ने उनकी इस बात को भी गंभीरता से लिया.
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इस मामले ने कई लोगों का ध्यान खींचा क्योंकि Notting Hill वही स्कूल है, जहां ब्रिटेन के शाही परिवार के प्रिंस हैरी और प्रिंस विलियम ने पढ़ाई की थी. अब यह केस इतना चर्चित हो गया कि सब जगह इसकी चर्चा हो रही है कि 'क्लास में सोना या सोचना, आखिर फर्क क्या है?'
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