Viral: इस गांव में बैन हैं जूते, नियम तोड़ने वाले को लगता है 'पाप' और मिलती है सजा!

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 15, 2022, 01:59 PM IST

गांव की एंट्रेंस से घुसते हुए ही लोग अपने जूते-चप्पल निकाल देते हैं. केवल गांव के बुजुर्गों को कुछ छूट दी गई है बाकी सब इस नियम का पालन करते हैं.

डीएनए हिंदी: हम जब भी घर से बाहर निकलते हैं तो जूते पहनना नहीं भूलते. कहीं जाते हैं तो अलग-अलग मौके के हिसाब से जूते पैक कर लेते हैं लेकिन भारत में एक ऐसी जगह है जहां जाने के लिए आपक जूते ले जाने की जरूरत नहीं है. गलती से अगर आप जूते लेकर चले गए तो आपको सजा भी दी जा सकती है. इस जगह पर जूते चप्पल पूरी तरह से बैन हैं.  

यूं तो कई लोग घरों में भी अक्सर जूते नहीं पहनते लेकिन इस पूरे गांव का यही उसूल है कि जो यहां रहेगा वह जूते या चप्पल नहीं पहनेगा. इस गांव का नाम अंडमान है और यह तमिलनाडु में मौजूद है. यह चेन्नई से करीब साढ़े चार सौ किलोमीटर दूर है. बताया जा रहा है कि इस गांव में महज 130 परिवार रहते हैं. इनमें ज्यादातर लोग किसान हैं.

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गांव की एंट्रेंस पर ही एक बड़ा सा पेड़ है जहां लोग पूजा करते हैं. इस गेट से घुसते हुए ही लोग अपने जूते-चप्पल निकाल देते हैं. इसके पीछे एक धार्मिक मान्यता है. दरअसल इस गांव के लोग यहां की धरती को भगवान का घर मानते हैं. चाहे कितनी भी तपती धूप हो या कैसे भी हालात हों कोई सड़क पर जूते पहने नहीं दिखता. माना जाता है कि अगर ऐसा किया तो भगवान नाराज हो जाएंगे. अगर कोई बाहर से गांव के अंदर आता है तो पेड़ के बाद उसे अपने जूते उतार कर हाथ में पकड़ लेना पड़ता है.

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गांव वाले कहते हैं कि यह पूरा गांव ही एक मंदिर है. अगर कोई इस धार्मिक स्थल पर जूते पहनकर आएगा तो उसे भगवान ही सजा देंगे. उसे तेज बुखार आ जाएगा या फिर उसे कोई ऐसी बीमारी हो जाएगी जिसका इलाज नहीं है. यहां रहने वाले करीब पांच सौ लोगों में सिर्फ बेहद बुजुर्ग लोगों को ही गर्मी के मौसम में दोपहर में पैरों में जूते पहनने की इजाजत है. इनके अलावा कोई भी जूते पहने दिखता है तो उसे सजा दी जाती है.

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