डीएनए हिंदी: जब कोई दुनिया के सबसे खतरनाक काम की बात करता है तो दिमाग में आती है सैलरी. भई जितना खतरनाक काम होगा उतनी ही ज्यादा सैलरी होगी लेकिन असलियत इससे कोसों दूर है. इस दुनिया में कई ऐसी नौकरियां या ऐसे काम हैं जिनके लिए लोग अपनी जान जोखिम में डालकर मैदान में उतरते हैं लेकिन इसके बदले में उन्हें उतना पैसा नहीं मिलता. आपको यकीन नहीं होगा कि अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर काम पर जाने इन मजदूरों को 954 रुपये दिहाड़ी पर काम पर रखा जाता है.
हम यहां सल्फर माइनिंग की बात कर रहे हैं. इस काम के लिए मजदूर एक्टिव वॉलकैनो यानी कि सक्रीय ज्वालामुखी वाले इलाके में काम करते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि इस काम में लगे लोग 50 साल की उम्र के बाद काम नहीं करते. सल्फर माइनिंग का काम ज्यादातर इंडोनेशिया में होता है. आमतौर पर लोगों को लगता है कि जितना जोखिमभरा काम होता है पैसे भी उतने ही मोटे मिलते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. सल्फर माइनिंग का काम करने वाले एक मजदूर ने अपनी आप बीती सुनाई.
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उसने बताया, रोजाना कंधे पर सल्फर उठाते-उठाते हमारे कंधों में सूजन आ जाती है और यह बहुत ही आम बात है. हम मौत से टकराने की हिम्मत रखते हैं क्योंकि भूख से डरते हैं. हमें अपनी जान खुद बचानी होती है. जैसे ही कहीं से धुंआ उठता है तो हम वहां से दूर निकलने की कोशिश करते हैं. अगर यह धुंआ शरीर में घुसता है तो अकड़न महसूस होती है और पेट में दर्द होने लगता है. सुरक्षा के तौर पर हमें केवल एक गील कपड़ा मिलता है. इसे हम अपने मुंह पर बांधते हैं ताकि सल्फर हमसे चिपके ना.
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