डीएनए हिंदी: यूके की एक यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट ने मास्टरबेशन पर अपनी पीएचडी की थीसिस लिखी. उसने अपना रिसर्च वर्क तो सब्मिट करवा दिया लेकिन अब यूनिवर्सिटी पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्होंने इस टॉपिक पर रिसर्च वर्क लिखने की इजाजत कैसे दी. कार्ल एंडर्सन नाम के इस स्टूडेंट को मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी ने इस सब्जेक्ट पर नोट्स बनाने की इजाजत दी. कार्ल ने एक इरॉटिक कॉमिक्स शोता को शामिल करते हुए रिसर्च पेपर लिखा.
उसका टॉपिक था कि वह कॉमिक पढ़ते हुए अलग-अलग लोगों किस तरह का सेक्शुअल प्लेजर मिला. उसने बताया कि इसके दौरान मैंने इस चीज का खास खयाल रखा कि यह किसी पॉर्न कॉन्टेंट की तरह न लगे. कार्ल ने अपनी रिसर्च के लिए अलग-अलग तरह की पॉर्नोग्राफी देखी और कई सर्वे और इंटरव्यू किए ताकि वह समझ पाए कि अलग-अलग लोग किस तरह की राय रखते हैं.
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रिसर्च पेपर सब्मिट होने के बाद जब खबरें सोशल मीडिया पर आई तो लोग इसे मास्टरबेशन में पीएचडी कहने लगे. साथ ही यूनिवर्सिटी पर सवाल करने लगे कि आखिर एक यूनिवर्सिटी इस तरह के टॉपिक को कैसे इजाजत दे सकती है लेकिन कार्ल की बातें सुनकर ऐसा लगता है कि उन्होंने अलग-अलग अनुभव समझने के लिए इस तरह टॉपिक चुना जो आपतौर पर पर्दों में रहता है.
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