Viral News: घड़ी की बैटरी, ब्लेड, नट बोल्ट..., इस बच्चे के पेट से निकली 56 चीजें, डॉक्टर्स की भी उड़ी नींद

Written By राजा राम | Updated: Nov 06, 2024, 11:55 AM IST

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में एक ऐसी घटना घटी, जिसे देखकर वहां मौजूद सभी डॉक्टर चौंक गए. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के रहने वाले एक 13 साल के लड़के के पेट से 50 से ज्यादा हैरान करने वाली चीजें निकाली गई हैं.

UP News: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले से एक बिल्कुल अजीबोगरीब घटना सामने आई है. हाथरस जिले  के बेलौठ गांव में एक 13 वर्षीय बच्चे के पेट से 56 चौंकाने वाली वस्तुएं निकाली गईं, जिसमें घड़ी के सेल, चेन के कुंदे, ब्लेड, नट-बोल्ट, पेन, सिक्के और कांच के टुकड़े शामिल हैं. इस दुर्लभ और हैरान कर देने वाले मामले ने सभी को स्तब्ध कर दिया है. परिजन द्वारा अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टर भी इस घटना से अचंभित हैं. 

दरअसल, यह घटना 28 अक्टूबर की है, जब सचेत शर्मा के 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले बेटे आदित्य शर्मा ने रात को पेट में तेज दर्द की शिकायत की, शुरू में स्थानीय डॉक्टरों ने मामूली इलाज किया, लेकिन दर्द बढ़ने पर उसे सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद पाया कि पेट में कई अजीबोगरीब वस्तुएं हैं, जिसके बाद तुरंत सर्जरी का निर्णय लिया गया. 

ऑपरेशन में निकलीं 56 चीजें
डॉक्टरों ने आदित्य के पेट का ऑपरेशन किया और इस दौरान जो वस्तुएं मिलीं, उसने सभी को चौंका दिया. घड़ी के सेल, पेंच, कांच के टुकड़े, नट-बोल्ट जैसी वस्तुएं आदित्य के पेट के भीतर मौजूद थीं. डॉक्टरों के अनुसार, मेडिकल इतिहास में ऐसे दुर्लभ मामले बेहद कम देखने को मिलते हैं. यह सर्जरी कई घंटों तक चली, लेकिन दुर्भाग्यवश आदित्य की जान नहीं बचाई जा सकी. 

पिका सिंड्रोम का शिकार
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान पेट से निकाली गई सभी वस्तुएं किसी भी सामान्य बच्चे के पेट में नहीं पाई जाती हैं. इससे उन्हें शक हुआ कि आदित्य पिका सिंड्रोम का शिकार था. दरअसल, इस तरह कि घटना शायद ही काभी देखने को मिलते हैं. डॉकटरों ने बताया कि इस सिंड्रोम के वजह से इंसान नहीं खाने वाली छीजे भी खाने लगता है.


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मानसिक स्वास्थ्य पर देना होगा ध्यान
मनोवैज्ञानिकों और डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में पिका सिंड्रोम जैसी स्थितियां हो सकती हैं, जो उन्हें लोहे, प्लास्टिक, और धातु जैसी चीजें निगलने के लिए प्रेरित करती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पेरेंट्स को अपने बच्चों के व्यवहार पर पैनी नजर रखनी चाहिए. अगर बच्चे में किसी भी असामान्य आदत का संकेत मिले, तो उसे नजरअंदाज करने की बजाय उचित चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए. 

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