Women's Day 2023: छात्रों ने 3000 सैनिटरी पैड से बनाया G-20 इंडिया का Logo, सोशल मीडिया पर Viral

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Mar 08, 2023, 06:13 PM IST

sanitary pad G-20 logo

Sanitary Pads: मासिक धर्म के दौरान सैनिटरी पैड का इस्तेमाल जननांगों में होने वाली कई गंभीर बीमारियों से बचने के लिए किया जाता है.

डीएनए हिंदी: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी के छात्रों ने 3,000 सैनिटरी पैड (Sanitary Pads) का उपयोग कर G20 इंडिया का लोगो (Logo) बनाया है. जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. Logo बनाने के बाद छात्रों ने वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में महिलाओं को सेनेटरी पैड भी बांटे गए. छात्रों के इस कारनामे पर लोग जमकर प्रशंसा कर रहे हैं.

मासिक धर्म के दौरान सैनिटरी पैड का इस्तेमाल जननांगों में होने वाली कई गंभीर बीमारियों से बचने के लिए किया जाता है. सैनिटरी पैड से G20 इंडिया का लोगो बनाकर छात्रों ने देश में लोगों के बीच फैली मासिक धर्म की अनभिज्ञता पर प्रकाश डाला है. छात्रों ने यह कारनामा ऐसे समय करके दिखाया है जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 नवंबर में छात्रों को मुफ्त सैनिटरी देने की जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. याचिका में कहा गया कि देशभर के सभी सरकारी स्कूलों में 6वीं से 12वीं तक पढ़ने वाली लड़कियों को मुप्त में सैनिटरी पैड दिया जाना चाहिए. साथ ही सभी स्कूलों में अलग से लड़कियों के लिए शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए. याचिका में कहा गया कि कम उम्र की लड़कियां हाइजीन मेनटेंन नहीं कर पाती हैं. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस भेजा और जल्द जवाब पेश करने का आदेश दिया.

केरल यूनिवर्सिटीज में मिलती है पीरियड्स की छुट्टी
बता दें कि एशिया में जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और जाम्बिया समेत कई देश हैं, जहां पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छुट्टी दी जाती है. भारत में बिहार 1992 से महीने में दो दिन मासिक धर्म की छुट्टी देता है. जबकि केरल भी मासिक धर्म की छुट्टी देता है. इस साल केरल सभी विश्वविद्यालयों में छात्राओं को पीरियड्स की छुट्टी देने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है.