Petrol-Diesel नहीं अब इंसानों के यूरिन से चलेंगे वाहन! इस कंपनी में तैयार हुई अनोखी तकनीक

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 30, 2022, 07:56 AM IST

अमेरिकी कंपनी अमोगी (American company Amogi) ने अमोनिया से चलने वाला ट्रैक्टर तैयार किया है और हमारे यूरिन में अमोनिया भरपूर मात्रा में पाया जाता है. यानी अब लोग अपने यूरिन से ट्रैक्‍टर चला सकेंगे.

डीएनए हिंदी: भारत समेत पूरी दुनिया में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने लोगों की नाक में दम कर रखा है. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के चलते लोअर क्‍लास से लेकर अपर क्‍लास तक हर कोई परेशान है. पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर किसी को प्रभावित करती हैं. इस बीच अगर हम आपसे कहें कि अब आप पेट्रोल की जगह इंसानों के यूरिन से वाहन चला सकेंगे तो? जाहिर है इस बात पर यकीन करना किसी के लिए भी थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन आपको बता दें कि हम ऐसा यूंही नहीं कह रहे हैं. अमेरिका की एक कंपनी में इस तरीके को लेकर काम किया जा रहा है. आइए जानते हैं इसके बारे में-

दरअसल, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते दुनिया भर की सरकारें और कंपनियां ईंधन के तौर पर इनके विकल्‍पों पर काम कर रही हैं. यानी कई ऐसे तरीके खोजे जा रहे हैं जिनका इस्तेमाल कर सड़कों पर गाड़ियों को बिना पेट्रोल या डीजल के चलाया जा सके. इस कड़ी में लोगों का पेशाब एक विकल्प के तौर पर सामने आया है. 

जी हां, अमेरिकी कंपनी अमोगी (American company Amogi) ने अमोनिया से चलने वाला ट्रैक्टर तैयार किया है और हमारे यूरिन में अमोनिया भरपूर मात्रा में पाया जाता है. यानी अब लोग अपने यूरिन से ट्रैक्‍टर चला सकेंगे. यूरिन की कमी तो कभी होगी नहीं, ऐसे में आनेवाले दिनों में ईंधन के तौर पर इसका इस्तेमाल होने पर जिंदगी काफी आसान हो जाएगी. 

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कैसे करेगा काम?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने एक ऐसा रिएक्टर बनाया जो अमोनिया को तोड़कर उससे ऊर्जा पैदा करने के लिए हाइड्रोजन का इस्तेमाल करता है. यानी ऐसा भी नहीं है कि आप ट्रैक्टर या किसी अन्य वाहन के टैंक में पेशाब डालें और वह चल पड़े, बल्कि ईंधन की तरह इस्‍तेमाल होने से पहले यूरिन को एक ट्रीटमेंट प्रॉसेस से गुजरना होगा.

मामले को लेकर डीडब्ल्यू ने अपनी रिपोर्ट में कहा, पेशाब को अमोनिया में बदला जा सकता है और फिर इसका इस्तेमाल ऊर्जा पैदा करने के लिए भी किया जा सकता है. कंपनी ने फिलहाल ट्रैक्टरों के साथ इसका प्रयोग किया है लेकिन आने वाले समय में समुद्र में चलने वाले जहाजों को चलाने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. 

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