डीएनए हिंदी: एक 5 साल की बच्ची को इस बात की सजा दी गई कि उसने अपना होम वर्क नहीं किया था. इस बच्ची को कोई साधारण नहीं बल्कि जून की तपती गर्मी में चिलचिलाती धूप में बांध दिया गया है. ये असंवेदनशील वाकया राजधानी दिल्ली का है. इस कक्षा 1 एक की बच्ची के साथ अमानवीय व्यवहार को लेकर दिल्ली पुलिस एक्शन में आई है.
जानकारी के अनुसार, नाबालिग कक्षा 1 की छात्रा है और अपने परिवार के साथ दिल्ली के खजूरीखास इलाके में रहते है. कथित वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी हैय भारतीय संविधान में शिक्षकों, आकाओं और अभिभावकों द्वारा बच्चों को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से रोकने के लिए कई कानून हैं.
कानून में हैं अधिकार
शारीरिक दंड बच्चे के स्वतंत्रता और सम्मान के अधिकार का हनन और बाधा डालता है, इसलिए संविधान का अनुच्छेद 21 14 वर्ष की आयु तक के बच्चों के शिक्षा के अधिकार सहित किसी भी व्यक्ति के जीवन और सम्मान के अधिकार की रक्षा करता है. संविधान का अनुच्छेद 39 (ई) यह सुनिश्चित करने का निर्देश देता है कि "बच्चों की कोमल उम्र का दुरुपयोग न हो." जबकि 39 (एफ) ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (स्वेच्छा से सजा) सहित कई धाराओं के तहत बच्चों की रक्षा के अधिकार हैं.
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पुलिस कर रही है कार्रवाई
गौरतलब है कि यह घटना 2 जून की बताई जा रही है.वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने बच्ची के पेरेंट्स से बात की. दिल्ली पुलिस का कहना है कि बच्ची की मां ने बताया कि उसने होमवर्क नहीं किया था. इस वजह से सजा देने के लिए उसकी मां ने उसे कुछ मिनट के लिए छत पर छोड़ दिया गया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बच्ची स्वस्थ है, लेकिन पुलिस परिवार के खिलाफ जल्द कार्रवाई करेगी. हालांकि इस वीडियो को पहले करावल नगर का बताया जा रहा था, लेकिन बाद में पुलिस छानबीन में पता चला कि ये खजूरी खास का है.
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