डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रहस्यमयी मंगलाछु ताल के आसपास आवाज निकलने और ताली,सीटी बजाते ही ताल में बुलबुले उठने लगते हैं. यह एक रहस्यमयी ताल है जहां हल्की सी भी आवाज निकालने ताली, सीटी बजाने पर ताल से पानी के बुलबुले उठने लगते हैं. यह ताल मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखवा गांव से 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. जिसे मंगलाछु ताल नाम से जाना जाता है. यह तालाब आज भी सभी के लिए रहस्य बना हुआ है.
उत्तरकाशी में समुद्रतल से 3650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस ताल का रास्ता मां गंगा के मायके मुखवा गांव से होकर जाता है. 6 किलोमीटर का यह ट्रैक फूलों से सजी एक खूबसूरत घाटी से होकर गुजरता है. 200 मीटर के दायरे में फैला मंगलाछु ताल को लेकर कई मान्यताएं हैं. इस ताल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यहां किनारे खड़े होकर अगर आप ताली,सीटी बजाएंगे या आपस मे बाते करेंगे तो इस ताल से पानी के बुलबुले उठने शुरू हो जाते हैं.
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इसके पीछे क्या रहस्य है इसका आज तक पता नहीं चला है. इस खूबसूरत ताल को सोमेश्वर देवता का ताल कहा जाता है. जब स्थानीय लोग हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से सोमेश्वर देवता को मंगलाछु लाए थे तो उसी दौरान सोमेश्वर देवता की डोली का स्नान इस ताल में कराया गया था. मान्यता यह भी है कि बारिश ना होने पर स्थानीय लोग इस ताल में आकर पूजा अर्चना करते हैं. मुखबा गांव के तीर्थ पुरोहित का कहना है कि यह ताल पवित्र है अगर यहां पर कोई अशुद्धता करता है तो काफी अतिवृष्टि का सामना लोगों को करना पड़ता है मुखवा गांव के युवा सरकार से ताल में पड़ने वाले ट्रैक को विकसित करने की मांग कर रहे हैं.
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