Death Rituals: मौत के बाद की सेक्स लाइफ के लिए चढ़ती थी लड़की की बलि

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 04, 2022, 03:56 PM IST

हम आपको मानव इतिहास की 5 सबसे खौफनाक अंतिम संस्कार की परंपराओं के बारे में बताने वाले हैं.

डीएनए हिंदी: आपने दुनियाभर में निभाई जाने वाली बहुत सी अजीबो-गरीब परंपराओं के बारे में सुना होगा. कई परंपराएं बड़ी खतरनाक और डरावनी भी होती हैं. आज हम आपको ऐसी ही कुछ परंपराओं के बारे में बताने वाले हैं लेकिन ये परंपराएं मनुष्य के मरने के बाद निभाई जाने वाली हैं. यानी आज हम लोगों के अंतिम संस्कार से जुड़ी मान्यताओं और परंपराओं के बारे में बताएंगे. हम आपको मानव इतिहास की 5 सबसे खौफनाक अंतिम संस्कार की परंपराओं के बारे में बताने वाले हैं. इनमें से कुछ तो इतनी डरावनी हैं कि इन पर विश्वास करना भी मुश्किल है. कई परंपराएं तो डरावनी फिल्मों की कहानी की तरह हैं.

1. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) में ऐसा रिवाज था कि यहां पर लोग मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार करने के लिए एक त्योहार का आयोजन करते थे. यहां पर आदिवासी गांव में किसी के मर जाने के बाद एक त्योहार का आयोजन किया जाता था जिसमें लोग लाश को पकाकर खा जाते थे. यह इतिहास में अंतिम संस्कार का सबसे खौफनाक तरीका होता था.

2. तिब्बत के बुद्धिस्ट लोग परिवार में किसी की मृत्यु के बाद उसकी लाश को जानवरों को खिला देते थे. एक तरफ लोग खुद ही अपनों की लाश खा जाते थे तो वहीं यह बुद्धिस्ट लोग अपने लोगों को मौत के बाद लाश को छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर पहाड़ों की चोटियों पर लेजाकर जानवरों को खिला देते थे. वे लाश को विशेषकर पक्षियों और गिद्धों को खिलाते थे. इन लोगों का मानना था कि मनुष्य मरने के बाद भी जानवरों का पेट भर सकता था. इस परंपरा को Zoroastrianism यानी पारसी धर्म में भी अपनाया जाता है.

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3. अंतिम संस्कार की परंपराओं में वाइकिंग्स का तरीका सबसे भयानक है. इसके बारे में सुनकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. स्कैंडिनेविया के मूल निवासी और खूंखार लड़ाकू जनजाति के इन लोगों ने 8वीं से 11वीं शताब्दी तक यूरोप पर राज किया था. वाइकिंग्स जनजाति में किसी मुखिया की मौत के बाद उसे 10 दिनों के लिए दफनाया जाता था. इस दौरान उसके लिए नए कपड़े सिले जाते थे और मृत्यु के बाद की जिंदगी में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए एक लड़की को चुना जाता था. 10वें दिन अंतिम संस्कार के समय इस लड़की को कबीले के सभी मर्दों के साथ शारीरिक संबंध बनाना होता था. इस दौरान संबंध बनाने वाला शख्स उससे कहता था कि वह मालिक को बताए कि वह उनसे प्यार करता था इसलिए उसने ऐसा किया. महिला को एक टेंट में ले जाया जाता था जहां पर 6 लोग महिला के साथ संबंध बनाते थे और फिर महिला का गला रस्सी से घोंटते थे फिर इसे चाकू से मार दिया जाता था. इसके बाद उस महिला और मुखिया की लाश को नाव पर डालकर जला दिया जाता था.

4. पश्चिम यूरोप में डांस ऑफ डेथ का रिवाज था. इस परंपरा में मौत की हकीकत बताने के लिए एक रैली निकाली जाती थी. इसमें इंसान के साथ एक कंकाल को नचाया जाता था लोग नाचते गाते हुए कब्रिस्तान जाते थे. इस परंपरा के जरिए लोगों को मौत की सच्चाई के बारे में बताया जाता था. 

5. यूरोप में समय के साथ परंपराएं बदलती गई हैं. यहां पर पहले ये परंपरा थी कि लोग मरने के बाद लाश के दांत और बालों को निकाल कर उनका लॉकेट बना लेते थे. जब फोटोग्राफी का आविष्कार हुआ तो एक नई परंपरा शुरू हो गई. लोग अपने घर के लोगों के मर जाने के बाद उनके साथ फोटो खिंचवाते थे. लोग लाश को कैमरे के सामने बैठाते थे और फिर फोटो के लिए पोज देते थे और फोटो खिंचवाते थे.

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