Helmet Man of India: कौन है हेलमेट मैन ऑफ इंडिया, जिसने नेक काम के लिए Agra Lucknow Expressway पर दौड़ाई कार

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Mar 16, 2023, 05:46 PM IST

Road Safety को लेकर हेलमेट मैन लोगों को जाररूक करते हैं. उनका एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.

डीएनए हिंदी: ट्विटर पर हेलमेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर राघवेंद्र कुमार का ने ट्वीट किया. इसमें उन्होंने बताया कि वह अपनी कार को पहली बार 100 से ज्यादा की रफ्तार पर चला रहे हैं. इसकी उन्होंने खास वजह भी बताई है. उनका यह वीडियो इस समय माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर काफी वायरल हो रहा है. उन्होंने बताया कि उन्होंने पहली बार अपनी कार की स्पीड 100 से ज्यादा इसलिए की क्योंकि वह बिना हेलमेट के गाड़ी चला रहे बाइक सवारों की जान बचाना चाहते थे.

राघवेंद्र कुमार ने अपने लिखा है कि बाइक पर सवार एक युवक ने उनकी गाड़ी को ओवरटेक किया. तभी उन्होंने देखा कि हवा की रफ्तार से गाड़ी भगा रहे युवक ने हेलमेट भी नहीं पहन रखा था. इसके बाद उन्होंने अपनी गाड़ी की स्पीड 100 से भी ज्यादा की, तब जाकर उसका पीछा कर पाए.

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तेज रफ्तार में बाइक चला रहा था युवक

वीडियो में देख सकते हैं कि हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार ने युवक को रोका और फिर उसे अपनी ओर से हेलमेट दिया. इस वीडियो में हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार ने युवक की बाइक रोकवाई और युवक से पूछा कि उन्होंने पहले भी उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह रुके क्यों नहीं? इस पर युवक ने जवाब दिया कि वह किसी से मिलने के लिए जा रहा था. 

हेलमेट मैन ने युवक से पूछा कि वह कहां के रहने वाले हैं और कहां जा रहे थे? युवक ने जवाब दिया कि वह इटावा का रहने वाला है और शिकोहाबाद जा रहा है. युवक ने कहा कि मैं अक्सर हेलमेट लेकर चलता हूं लेकिन आज वह घर पर छूट गया. राघवेंद्र कुमार ने उसे हेलमेट के साथ चेतावनी भी दी कि यह मौत का एक्सप्रेसवे है और उसे हेलमेट पहनकर ही गाड़ी चलानी चाहिए. 

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कौन है हेलमेट मैन ऑफ इंडिया

बता दें कि राघवेंद्र कुमार बिहार के कैमूर जिले के रहने वाले हैं और उनके एक कृष्ण नाम के दोस्त की साल 2014 में ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर एक्सीडेंट से मौत हो गई थी. जिसने उस वक्त हेलमेट नहीं पहन रखा था. इसके चलते कृष्ण का परिवार पूरी तरह से टूट गया था और यह बात राघवेंद्र को चुभी. उन्होंने तय किया कि वह किसी को भी अपने दोस्त की तरह मरने नहीं देंगे और तब से वह सड़क सुरक्षा अभियान चला रहे हैं. 

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