डीएनए हिंदी: हम सभी ने बचपन में Craft के काम से लेकर घर की छोटी-छोटी चीजें जोड़ने के लिए कभी न कभी फेविकोल का प्रयोग तक किया ही है. लकड़ी की चीजों से लेकर कागज तक, फेविकोल सभी को पलक झपकते चिपका देता है. ऐसे में यह सवाल आता है कि जो फेविकोल सबकुछ चिपका देता है वह खुद जिस बोतल में पैक होकर हमें मिलता हैं, उसमें क्यों नहीं चिपकता है?
फेविकोल या किसी भी तरह का ग्लू असल में केमिकल्स से बना होता है जिसे पॉलिमर्स कहा जाता है. पॉलिमर्स लंबे स्ट्रैंड होते हैं जो या तो चिपचिपे होते हैं या खिंचने वाले होते हैं. ग्लू बनाने के लिए ऐसे पॉलिमर्स का इस्तेमाल होता है जो चिपचिपे भी हों और खिंचने वाले भी रहे. ऐसे पॉलिमर्स को ग्लू बनाने के लिए इसमें पानी मिलाया जाता है. पानी की वजह से ग्लू लिक्विड स्टेट में आ जाता है. पानी ग्लू में सॉल्वेंट की तरह काम करता है, जो ग्लू को सूखने नहीं देता है.
नीम के पेड़ से निकली दूध की धार, देखने के लिए उमड़ पड़ी भीड़
जब भी फेविकोल को कही इस्तेमाल किया जाता है तो किसी भी डिब्बे से निकालने पर सारा पानी सूखता है और इसके चलते सारी चीजें आसानी से चिपक जाती हैं.
ग्लू से पानी गायब होने के बाद पॉलिमर वापस चिपचिपा और खिंचने वाला हो जाता है. इस तरह ग्लू चीजों को आपस में चिपकाता है और चीजें मजबूत हो जाती हैं.
महिला पुलिस अधिकारी थाने में करती थी पुलिसकर्मियों के साथ गंदा काम, जानें पोल खुली तो क्या हुआ?
ग्लू की बोतल बंद रहती है. बंद बोतल में हवा नहीं पहुंचती है. इसी के चलते पॉलिमर्स में मौजूद पानी सूखता नहीं है और ग्लू लिक्विड स्टेट में ही रहता है. इस बात को ऐसे भी समझा जा सकता है कि जब गलती से ग्लू या फेविकोल की बोतल खुली छूट जाती है तो वह ग्लू सूख जाता है और जिस बोतल में बंद रहते हुए वह कभी नहीं बोतल से चिपका, लेकिन खोलने पर बोतल के साथ भी अन्य चीजों की तरह ही व्यवहार करते हुए चिपक जाता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.