Aeroplane में भी लगा होता है हॉर्न! जानिए क्या है जरूरत और कैसे करता है काम

क्या आप जानते हैं कि बाइक और गाड़ियों के जैसे हवाई जहाज में भी हॉर्न लगा होता है?

अब आप सोच रहे होंगे कि सड़क पर तो जाम की समस्या के चलते या किसी को अपने रास्ते से हटाने के लिए गाड़ियों में हॉर्न लगाया जाता है लेकिन हवाई जहाज के रास्ते में ना तो किसी तरह का कोई जाम लगता है और न ही उसके रास्ते में कोई आता है तो फिर उसमें हॉर्न की क्या जरूरत? ऐसे में आपको बता दें कि किसी भी आम वाहन के जैसे हवाई जहाज में भी हॉर्न की जरूरत पड़ती है. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
 

क्या है जरूरत?

दरअसल, हवाई जहाज में दिए गए हॉर्न का इस्तेमाल ग्राउंड इंजीनियर और स्टाफ से संपर्क साधने और उन्हें किसी तरह के खतरे से सावधान करने के लिए किया जाता है. यानी अगर उड़ान से पहले हवाई जहाज में कोई खराबी आ जाए या कोई इमरजेंसी की स्थिति बन जाए तो प्लेन के अंदर बैठे पायलट या इंजीनियर इस हॉर्न को बजाकर ग्राउंड इंजीनियर को अलर्ट मैसेज भेजते हैं.
 

कहां लगा होता है ये हॉर्न?

हॉर्न का बटन प्लेन के कॉकपिट पर होता है. यह कॉकपिट के कंट्रोल में अन्य बटनों की तरह ही होता है जिसके चलते इसे ढूंढना थोड़ा मुश्किल है. 
 

फिर कैसे होती है पहचान?

हॉर्न की पहचान के लिए बटन के ऊपर 'जीएनडी' (ग्राउंड) लिखा होता है. बटन को दबाने पर साइरन जैसी आवाज निकलती है और फिर हवाई जहाज का अलर्ट सिस्टम चालू हो जाता है. 
 

अपने आप बजते हैं हॉर्न

इसके अलावा हवाई जहाज में ऑटोमैटिक हॉर्न भी लगे होते हैं जो सिस्टम में किसी भी तरह की खराबी आने पर या फिर आग लग जाने पर अपने आप ही बजने लगते हैं. खास बात यह है कि इन हॉर्न की आवाज भी अलग-अलग होती है. यानी अलग-अलग तरह की खराबी आने पर हॉर्न की आवाज भी अलग-अलग ही आती है. इससे एयरक्राफ्ट इंजीनियर यह पता लगा पाते हैं कि जहाज के किस हिस्से में खराबी आई है.

उड़ान भरते समय नहीं बजा सकते हॉर्न

बता दें कि उड़ान भरते समय पायलट हॉर्न नहीं बजा सकता है क्योंकि उस वक्त जहाज का वार्निंग सिस्टम बंद कर दिया जाता है.

 

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