IAS Success Story: छठी में हुई थीं फेल, स्ट्रेस भी झेला लेकिन हिम्मत नहीं हारी, ऐसे बनीं UPSC टॉपर

सेल्फ स्टडी की मदद से पास की संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam). क्या है रुक्मणी की कहानी?

| Updated: May 11, 2022, 05:03 PM IST

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रुक्मणी रियार शुरू में पढ़ाई में बहुत अच्छी नहीं थीं. वह छठी क्लास में एक बार फेल भी हो गई थीं. फेल होने के बाद उन्होंने परिवार के सदस्यों और शिक्षकों के सामने जाने की हिम्मत नहीं की और यह सोचकर शर्मिंदा हो गईं कि बाकी लोग क्या सोचेंगे. वह स्ट्रेस में रहने लगीं. कई महीनों तक ऐसा ही चलता रहा लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने खुद को इससे बाहर निकाला और इसी डर को अपनी प्रेरणा बना ली.

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रुक्मणी रियार की शुरुआती शिक्षा गुरदासपुर में हुई. इसके बाद वह चौथी क्लास में डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल गईं. 12वीं कक्षा के बाद, रुक्मणी ने अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से सामाजिक विज्ञान में स्नातक किया. इसके बाद उन्होंने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट से सामाजिक विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की और गोल्ड मेडलिस्ट बनीं.

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पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद रुक्मणी ने मैसूर में अशोदया और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल जैसे जैसे एनजीओ के साथ इंटर्नशिप की. इस दौरान रुक्मणी का झुकाव सिविल सेवा की तरफ हुआ वह यूपीएससी परीक्षा देना चाहती थीं.

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इंटर्नशिप के बाद रुक्मणी रियार ने सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और कड़ी मेहनत कर पहली ही कोशिश में सफलता हासिल की. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए किसी कोचिंग में दाखिला नहीं लिया और सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया. रुक्मणी ने 2011 में UPSC में AIR2 हासिल किया और IAS अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा किया.
 

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यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए रुक्मणी ने 6वीं से 12वीं कक्षा तक एनसीईआरटी की किताबों से तैयारी की और इंटरव्यू की तैयारी के लिए वह रोजाना अखबार और मैगजीन पढ़ती थीं. रुक्मणी ने परीक्षा के दौरान गलतियों को कम करने के लिए कई मॉक टेस्ट दिए. रुक्मणी ने पिछले कई सालों के प्रश्न पत्रों को भी हल किया.