नेग मांगने गए किन्नरों को पता चला कि बेटियों के सिर से पिता का साया उठ गया है, उसी वक्त किन्नर समाज ने वादा किया था कि शादी वो कराएंगे.
कई साल पहले किए गए वादे को पूरा करते हुए किन्नर समाज ने इन दो बेटियों की शादी बड़े धूमधाम से कराई. अपने पिता को खो चुकीं इन बेटियों की शादी में किन्नरों ने किसी भी तरह की कमी नहीं रहने दी.
1.नेग मांगने पहुंचे तो परिवार में था मातम
बीकानेर जिले के एक परिवार में साल 2017 में बच्चे के जन्मदिन पर किन्नरों का ग्रुप नेग मांगने पहुंचा. उसी समय घर के मुखिया रामलाल की मौत हो गई थी. रामलाल कमाने वाले इकलौते इंसान थे और उनकी सात बेटियां थीं.
2.किन्नरों ने किया था शादी कराने का वादा
रामलाल की मौत के बाद सब परेशान थे कि आखिर अब बेटियों की शादी कैसे होगी. उस समय किन्नरों के ग्रुप की लीडर रजनी थीं. रजनी ने उसी वक्त वादा किया कि वह अपने समाज के सहयोग से दो बेटियों की शादी करवाएंगी और पूरा खर्च उठाएंगी.
3.रजनी भी नहीं रहीं, मुस्कान ने निभाया वादा
वादा कर देने के बाद से रजनी लगातार खबर लेती रहती थीं. हालांकि, जब तक बेटियों की शादी तय हुई, तब तक रजनी की भी मौत हो गई. रजनी अपने ग्रुप से यह वादा निभाने को कहकर गई थीं. यही कारण था कि उनके ही ग्रुप की मुस्कान बाई ने अगुवाई की और 21 अप्रैल को दोनों बेटियों की शादी धूमधाम से कराई.
4.दिल खोलकर दिए गिफ्ट
किन्नर समाज ने अपनी पूर्वज रजनी के वादे पर खरे उतरते हुए बसंती और ममता की शादी धूमधाम से कराई. शादी में गहने और जरूरी सामानों के साथ-साथ बेटियों के लिए सिलाई मशीन, वॉशिंग मशीन, बेड और बाकी सभी सामान भी दिए.
5.विधवा मां के सपने कर दिए पूरे
रामलाल की मौत के बाद उनकी पत्नी बेहद परेशान थीं, लेकिन किन्नर समाज ने उनकी हर तकलीफ दूर कर दी. अब वह काफी खुश हैं कि उनकी बेटियों की शादी हो गई और उन्हें अपने पति की की उतनी महसूस नहीं हुई. किन्नर समाज ने अपने इस काम से शानदार उदाहरण पेश किया है और दिखाया है कि वह भी इसी समाज का अंग हैं और दुख-सुख में सब के साथ खड़े हैं.