क्या था Queen Elizabeth के 'पर्स' का राज? हर पल नजर रखते थे अधिकारी

ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा (7) दशक तक राज करने वाली महारानी एजिलाबेथ II (Queen Elizabeth II) का निधन हो गया है. वे 96 साल की थीं.

देर रात भारतीय समय के हिसाब से करीब 11 बजे ब्रिटिश रॉयल फैमिली के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उनके निधन की जानकारी साझा की गई. एलिजाबेथ के निधन के साथ ही इंटरनेट पर उनके जीवन से जुड़े प्रसंग शेयर किए जा रहे हैं. इन्हीं में से एक है उनके पर्स से जुड़ा राज. दरअसल, अपने बैग के जरिए महारानी अपने अधिकारियों को खास सिग्नल दिया करती थीं. आइए जानते हैं क्या थे वो सिग्नल और कैसे अधिकारी महारानी के बैग को देखकर ही उनके मन की बात जान लिया करते थे. 
 

पर्स में होता था क्या-क्या सामान?

जानकारी के अनुसार, एजिलाबेथ के पर्स में उनकी लिप स्टिक व अन्य मेकअप के सामान के साथ-साथ उनका चश्मा हुआ करता था. इस चश्में का इस्तेमाल वे केवल कुछ पढ़ते के लिए ही किया करती थीं. इसके अलावा एक खास बात यह थी कि महारानी रविवार को छोड़कर अपने पर्स में कभी कैश नहीं रखा करती थी. 'द मिरर' की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार के दिन वे चर्च जाती थीं और वहां दान करने के लिए अपने पास 5 या 10 पौंड के नोट रख लेती थी. इसके अलावा हफ्ते के किसी भी दिन वे अपने बैग में कैश नहीं रखा करती थी.
 

हैंडबैग से देती थीं खास संदेश

क्वीन अपने पर्स के जरिए खास संदेश दिया करती थीं. बताया जाता है जब क्वीन लोगों के बीच होती थीं और उन्हें किसी डिस्कशन को खत्म करना होता था तो वे अपना पर्स एक हाथ से दूरे हाथ में शिफ्ट कर लिया करती थीं. यह देख स्टाफ तुरंत समझ जाता था कि क्वीन अब बात खत्म करना चाहती हैं.
 

पर्स टेबल पर रखने का क्या होता था मतलब?

दूसरा गुप्त संकेत हुआ करता था पर्स टेबल पर रखना. कहा जाता है कि अगर क्वीन खाना खाते समय या किसी कांफ्रेस के दौरान अपना पर्स टेबल पर रख दिया करती थीं तो इसका मतलब होता था कि वो 5 मिनट के अंदर उस मीटिंग को खत्म करना चाहती हैं.
 

जमीन पर पर्स रखने का ये होता था इशारा

वहीं, अगर महारानी अपना पर्स नीचे जमीन पर रखती थीं तो स्टाफ तुरंत सचेत हो जाता था और क्वीन को तुरंत वहां से निकालने का इंतजाम किया जाता था. 
 

7 साल की उम्र से साथ रखती थीं हैंडबैग

आपको बता दें क्वीन एलिजाबेथ 7 साल की उम्र से अपने पास हैण्डबैग रखती थीं. कहा जाता है कि क्वीन के पास 200 से ज्यादा हैण्डबैग थे. इन सभी के हैंडल की लंबाई थोड़ी ज्यादा हुआ करती थी. ऐसा इसलिए ताकि वो आसानी से अपना पर्स हाथ में लेकर चल सकें. साथ ही किसी को भी उनके बैग को हाथ लगाने की इजाजत नहीं थी.