वो 1520-30 के दशक का दौर था. उस समय इंग्लैंड में कैथोलिक को राजधर्म का दर्जा हासिल था. इस बीच कुछ ऐसा हुआ जो हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया. एक लड़की के प्यार में राजा ने पूरे देश का धर्म ही बदलकर रख दिया. आइए जानते हैं कि असल में हुआ क्या था?
इंग्लैंड राजगद्दी पर हेनरी अष्टम बैठे हुए थे. 1527 तक हेनरी के सामने एक बड़ी दिक्कत आ गई थी. राजा हेनरी अष्टम इस बात ये परेशान रहते थे कि कैथरीन ऑफ एरागॉन के साथ उनकी पहली शादी से कोई बेटा और सिंहासन का पुरुष उत्तराधिकारी पैदा नहीं हो पाया था.
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इसी बीच हेनरी अपनी पत्नी की दोस्त और प्रोटेस्टेंट धर्म को मानने वाली ऐनी बोलिन के प्रति भी मोहित हो गए थे. हेनरी अब ऐनी से शादी करना चाहते थे, ऐनी भी महज उनकी प्रेमिका बनकर नहीं बल्कि रानी बनकर रहनी चाहती थी.
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हेनरी को पूरा यकीन था कि उनकी ऐनी के साथ शादी हो जाने के बाद उन्हें जरूर पुत्र के रूप में एक उत्तराधिकारी पैदा होगा. हेनरी ने पोप क्लेमेंट VII से कैथरीन से तलाक लेने की मांग की. लेकिन उन्होंने इसे कैथोलिक धर्म के खिलाफ बताया, और तालाक देने से मना कर दिया.
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प्रोटेस्टेंट पादरी थॉमस क्रैनमर ने हेनरी से सलाह दी कि आप प्रोटेस्टेंट तरीके से तलाक ले सकते हैं, क्योंकि इस धर्म के अनुसार ये तालाक जायज है. हेनरी ने क्रैनमर को कैंटरबरी का आर्कबिशप नियुक्त किया, कैथरीन से तलाक लिया और ऐनी से शादी की.
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जून 1533 में गर्भवती ऐनी बोलिन को एक भव्य समारोह में इंग्लैंड की रानी का ताज पहनाया गया. इसके बाद हेनरी ने प्रोटेस्टेंट को इंग्लैंड का राजधर्म बना लिया, जिसके बाद देश की बहुसंख्यक आबादी ने कैथोलिक को छोड़कर प्रोटेस्टेंट धर्म को अपना लिया. हालांकि इस शादी से भी हेनरी को बेटी पैदा हुई, इनमें एक एलिजाबेथ प्रथम था जो आगे चलकर देश की महरानी बनीं.