Bihar Caste Census: एक मोहल्ले की 40 महिलाओं का एक ही पति रूपचंद? पढ़िए क्या है ये अनूठी कहानी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 26, 2023, 09:48 PM IST

Bihar Arwal Roopchand

Bihar News: जातीय जनगणना कर रहे अधिकारियों के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. एक मोहल्ले की 40 महिलाओं ने अपने पति का नाम रूपचंद लिखवाया है. पढ़िए इसके पीछे की अनूठी कहानी.

डीएनए हिंदी: Ajab Gajab News- एक इंसान की कितनी पत्नी हो सकती हैं? ज्यादा से ज्यादा 5, 10 या 15? लेकिन बिहार की जातीय जनगणना (Bihar Caste Census) में सामने आए आंकड़े आपका सिर घुमा सकते हैं. एक मोहल्ले में एक-दो या 5 ने नहीं बल्कि पूरी 40 महिलाओं ने अपने पति के नाम की जगह एक ही शख्स रूपचंद का नाम लिखवाया है. क्या हुआ पढ़कर आप भी चौंक गए ना? चलिए हम आपको बताते हैं इसके पीछे की अनूठी कहानी.

पूरे जिले में बस इसी बात की चर्चा

जातीय जनगणना में यह मामला बिहार के अरवल जिले में सामने आया है, जहां एक रेडलाइट एरिया में करीब 40 महिलाओं ने अपने पति की जगह रूपचंद का नाम लिखवाया है. ये देखकर चौंके अधिकारियों ने इन महिलाों के बच्चों से बात की तो उन्होंने भी अपने पिता का नाम रूपचंद ही बताया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरवल जिले के वार्ड नंबर-7 के रेड लाइट एरिया में रहने वाले लोग नाच-गाने से अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं और उनका कोई निश्चित पता नहीं है. हालांकि इसके बावजूद इन महिलाओं ने अपने पति का नाम रूपचंद ही बताया है, जो पूरे जिले में चर्चा का सबब बन गया है.

अधिकारियों को 'रूपचंद' पूरे इलाके में नहीं मिला

इस कहानी में सबसे अजब बात ये है कि जब जनगणना अधिकारियों ने रूपचंद को तलाशने की कोशिश की तो इस नाम का कोई भी शख्स उस पूरे इलाके में नहीं मिला है. जातीय जनगणना करने वाले राजीव राकेश रंजन के मुताबिक, यह मसला द्वितीय चरण की जनगणना के दौरान सामने आया है.

'रूपया' तो नहीं है 'रूपचंद'

स्थानीय लोगों का कहना है कि रेडलाइट एरिया की महिलाएं नाच-गाने की आड़ में हर तरह का काम करती हैं. उनकी शादियां नहीं होती. वे रूपये को ही सबकुछ मानती हैं और उसे ही आम बोलचाल में रूपचंद कहकर पुकारती हैं. ऐसे में ये माना जा रहा है कि इन महिलाओं ने 'रूपये' को ही पति के कॉलम में 'रूपचंद' बना दिया है.

7 जनवरी से चल रही है जातीय जनगणना

बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने 7 जनवरी को राज्य में बहुचर्चित जातीय जनगणना शुरू कराई थी, जिसका दूसरा चरण इस समय चल रहा है. सरकार का दावा है कि इससे राज्य की जनसंख्या के सही आंकड़े मिलेंगे, जिससे आरक्षण से लेकर तमाम अन्य योजनाएं बनाने तक में मदद मिलेगी. करीब 500 करोड़ रुपये के बजट वाली इस योजना में जनगणना कर्मी घर-घर जाकर लोगों से उनकी जाति, उपजाति, धर्म आदि समेत कुल 17 बिंदुओं पर जानकारी जमा कर रहे हैं. 

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