डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के बंदायू में मंदिर प्रशासन ने आवारा कुत्तों को लेकर एक अजीबो-गरीब फरमान जारी किया. इसमें कहा गया था कि मंदिर के बाहर आवारा कुत्तों को अगर भक्त खाना खिलाएंगे तो मंदिर के अंदर पूजा में पुजारी किसी तरह का सहयोग नहीं करेंगे और न ही ऐसे भक्तों का प्रसाद स्वीकारा जाएगा. मंदिर प्रशासन का कहना है कि आवारा कुत्तों के आतंक के चलते यह फैसला लिया गया. हालांकि पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद मंदिर प्रशासन ने इस फैसले को वापस भी ले लिया है.
दरअसल, यह मामला उत्तर प्रदेश के बंदायू के पुराना बाजार इलाके में स्थित राधामोहन मंदिर का है. इस मंदिर में एक बैनर लटका हुआ था, जिस पर लिखा था कि आवारा कुत्तों को खाना खिलाने वाले लोगों को न तो कोई सेवा प्रदान की जाएगी और न ही उनसे प्रसाद स्वीकार किया जाएगा. मंदिर के पुजारी ऐसे लोगों के घरों में कोई अनुष्ठान नहीं करेंगे. कुत्ते मंदिर परिसर को गंदा कर देते हैं, जिससे बीमारी हो सकती है, जो लोग इन जानवरों को खाना खिलाना चाहते हैं वो इन्हें घर ले जा सकते हैं.
जोर-जोर से लग रहे थे 'राहुल गांधी जिंदाबाद' के नारे, धड़ाम हो गया पूरा का पूरा मंच
मंदिर प्रशासन ने विरोध पर बदला फैसला
मंदिर के पुजारी का कहना है कि नोएडा में रहने वाली मंदिर समिति ने कुत्तों से बचाव के लिए यह आदेश लागू करने को कहा था. वहीं पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया और इसे अमानवीय कृत्य बताया है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बवाल मच गया जिसके बाद मंदिर प्रशासन को अपना फैसला वापस लेना पड़ा.
कहां जाएंगे सभी आवारा जानवर
पशु अधिकार कार्यकर्ता विकेंद्र शर्मा ने कहा कि यह एक अमानवीय कृत्य है. अगर सभी मंदिरों में एक जैसे निर्देश आ गए तो आवारा जानवर कहां जाएंगे?बता दें कि मंदिर समिति में पांच भाई शामिल हैं, और उनमें से एक पशु प्रेमी है जो मंदिर के पास आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं.
इंदौर के जिस मंदिर में 36 लोगों की गई जान, वहां चल गया बुलडोजर, जानिए वजह
स्थानीय पुलिस ने भी लिया एक्शन
इस मामले में कोतवाली थाने के एसएचओ राजकुमार तिवारी ने कहा कि पुजारी के खिलाफ भक्तों से आवारा कुत्तों को खाना नहीं खिलाने के लिए कहने की शिकायत मिली थी. मंदिर में एक पुलिस टीम भेजी गई थी और बैनर हटा दिया गया है. इसके अलावा पुजारी को चेतावनी दी है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.