Viral: जिंदा थे तो कबूल ना था रिश्ता, अब मरने के बाद चिता पर सजा 'मंडप'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 11, 2022, 12:53 PM IST

लक्ष्मण सोरेन और सलमा के बीच ममेरी बहन-फुफेरे भाई का रिश्ता था लेकिन दोनों एक दूसरे से प्यार कर बैठे.

डीएनए हिंदी: वो एक-दूसरे से बेतहाशा प्यार करते थे. साथ जीने-मरने की कसमें खाईं. जिंदगी के सुनहरे दिनों के लिए पल-पल ख्वाब सजाने लगे. दोनों को भरोसा था कि उनकी इस पाक मुहब्बत के आगे घरवाले भी घुटने टेक देंगे. दोनों ने घरवालों को मनाने की काफी कोशिक की. रोए-गिड़गिड़ाए... लेकिन घरवाले टस से मस ना हुए. बस, जिस अनहोनी का डर था वही हुआ. दोनों ने ट्रेन के सामने आकर अपनी जान दे दी. जीते जी ना सही लेकिन मरने के बाद उनके प्यार के आगे घरवाले भी हार गए. मौत के बाद गम और आंसुओं के बीच परिजनों ने दोनों को एक करने का फैसला किया है. प्रेमी जोड़े की चिता एक साथ तो सजाइ गई लेकिन उसके पहले उनकी शादी की रस्म पूरी की गईं. यह मार्मिक घटना झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला की है.

जानकारी के अनुसार, लक्ष्मण सोरेन और सलमा किस्कू घाटशिला के नरसिंहगढ़ ग्राम पंचायत के अलग-अलग गांव के रहने वाले थे. पारिवारिक तौर पर उनके बीच ममेरी बहन-फुफेरे भाई का रिश्ता था लेकिन दोनों एक दूसरे से प्यार कर बैठे. घरवालों ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन कुछ हासिल न हुआ. इसपर लक्ष्मण सोरेन के घरवालों ने उसे काम करने कश्मीर भेज दिया. दस दिन पहले वह गांव लौटा था. इधर, बीते शनिवार को सलमा अपने घर से स्कूल जाने के नाम पर निकली लेकिन वापस नहीं लौटी. लक्ष्मण भी घर पर नहीं मिला. दोनों की तलाश शुरू हुई, पुलिस को भी सूचना दी गई.

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इस बीच रविवार को दोनों की लाशें धालभूमगढ़-कोकपड़ा स्टेशन पर पाई गईं. घटना की सूचना मिलते ही दोनों घरों में कोहराम मच गया. अगले दिन पोस्टमार्टम के बाद उनकी लाशें लाई गईं तो दोनों परिवारों ने बड़ा फैसला लिया. गांव में पंचायत बैठी. दोनों गांवों के ग्राम प्रधान की मौजूदगी में सलमा के पिता मेघराय किस्कू और लक्ष्मण के पिता माघा सोरेन ने तय किया कि अंतिम संस्कार के पहले उनकी शादी की रस्म निभाई जाएं.

आदिवासी समाज की परंपरा के अनुसार, दोनों के शव आस-पास रखे गए. लड़के के हाथ से लड़की की मांग में सिंदूर भरवाया गया और इसके बाद चारचौक्का गांव में एक ही चिता पर उनका अंतिम संस्कार हुआ. लड़के के पिता ने मुखाग्नि दी. अब दोनों का श्राद्ध कर्म एक साथ होगा. श्राद्ध का खर्च दोनों पक्षों ने मिलकर उठाने और इस घटना को लेकर किसी पर आरोप-प्रत्यारोप नहीं करने का भी फैसला किया है.

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