Dancing plague: डांस करते-करते मर गए थे 400 लोग, आज भी रहस्य बनी हुई है फ्रांस की यह बीमारी

Written By श्रेया त्यागी | Updated: Jun 02, 2022, 04:22 PM IST

दुनिया में कोरोना की तरह कई महामारियां आईं और अपने साथ लाखों लोगों की जिदंगियां ले गईं. ऐसी ही एक बीमारी थी डांसिंग प्लेग.

डीएनए हिंदी: क्या आपने सोचा था कि कोरोना नाम की ऐसी कोई बीमारी भी आएगी जो अचानक लाखों-करोड़ों लोगों के जीवन को लील जाएगी? आपको जानकर हैरानी होगी कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी दुनिया में कोरोना (Coronavirus) की तरह कई महामारियां आईं और अपने साथ लाखों लोगों की जिंदगियां ले गईं. हालांकि, इनमें से कुछ ऐसी भी थीं जो केवल एक रहस्य (Mystery) बनकर रह गईं या जिनकी गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई है. इन्हीं में से एक थी 'डांसिंग प्लेग'. जानकारी के अनुसार, इस महामारी की वजह से करीब 400 लोगों की मौत हुई थी.

क्या है पूरा मामला?
सन 1518 में अलसेस के स्ट्रासबर्ग (अब फ्रांस) निवासी फ्राउ ट्रॉफी नाम की एक युवती अपने घर में डांस कर रही थी. इस बीच फ्राउ अचानक अपने होश खो बैठी और नाचते-नाचते घर के बाहर आ गई. फ्राउ को ऐसे नाचते देख आस-पास के लोग हैरान रह गए. इसके बाद परिजनों ने उसे समझाने की कोशिश की, संभालने की कोशिश की लेकिन ना जाने क्या हुआ कि परिवार वाले भी एक अनसुनी धुन में मगन होकर नाचने लगे. चौंकाने वाली बात यह रही कि सिर्फ फ्राउ और उसके परिजनों ने ही नहीं, बल्कि वहां आए लगभग 30 लोगों ने भी यही दोहराया. सब के सब बिना किसी वजह बेसुध होकर नाचने लगे और अचानक गश खाकर जमीन पर गिरने लगे. इसके बाद उनकी मौत हो गई. 

इस घटना के बाद फ्रांस में हड़कंप मच गया. कई लोग ऐसे भी रहे जिन्हें पहले तो यकीन ही नहीं हुआ कि कैसे कोई महज डांस करने से मर सकता है लेकिन जल्द ही उन्हें इसपर यकीन करना पड़ा. ताज्जुब की बात यह है कि इसके बाद फ्रांस के कई इलाकों से ऐसे ही लोगों के डांस करते-करते मरने की खबरें सामने आने लगी थीं. शहर दर शहर लोगों के डांस करते हुए मरने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा था. जैसे ही किसी के डांस करने की खबर सामने आती थी, उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जाता था. बीमारी को 'डांसिंग प्लेग' (Dancing Plague) नाम दिया गया. 

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डांस करने से मौत की हो चुकी है पुष्टि 
बता दें कि चिकित्सक नोट, कैथेड्रल उपदेश, स्थानीय और क्षेत्रीय इतिहास, स्ट्रासबर्ग नगर परिषद द्वारा जारी किए गए नोट समेत कई ऐतिहासिक दस्तावेज इस बात कि पुष्टि करते हैं कि पीड़ितों ने डांस किया और इससे उनकी मौत हो गई. हालांकि इसके पीछे की वजह क्या रही, इस बात का कहीं कोई जिक्र नहीं है. 

इसके अलावा घटना को लेकर जॉन वालर ने 'ए टाइम टू डांस, ए टाइम टू डाई: द एक्स्ट्राऑर्डिनरी स्टोरी ऑफ द डांसिंग प्लेग 1518' (A Time to Dance, a Time to Die: The Extraordinary Story of the Dancing Plague of 1518) नाम की किताब और कई जर्नल लेख भी लिखें हैं.  

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फ्रांस की इस रहस्यमयी बीमारी (Mysterious Disease) का आज तक कोई सही कारण पता नहीं लग पाया है. धीरे-धीरे ये अपने आप ही खत्म हो गई और आज लगभग 500 साल बीत जाने के बाद भी वैज्ञानिक इसके रहस्य से पर्दा नहीं उठा पाए हैं.

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