'अमेरिका की खोज भारत ने की' ये क्या बोल गए MP के शिक्षा मंत्री, देखें Viral Video

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Sep 11, 2024, 06:36 PM IST

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने यह भी दावा किया है कि अमेरिका में 8वीं सदी के बने भारतीय शैली के मंदिरों को जिक्र वहां के संग्रहालय में मौजूद है.

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) के एक बयान ने हंगामा मचा दिया है. परमार ने दावा किया है कि अमेरिका की खोज भारतीयों ने की थी. किताबों में क्रिस्टोफर कोलंबस द्वारा अमेरिका की खोज का तथ्य गलत पढ़ाया जा रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि नेपाल जब भारत का हिस्सा था, तब वहां के एक वास्तुकार ने चीन की राजधानी बीजिंग की स्थापना का डिजाइन बनाया था. इसके अलावा भी परमार ने कई दावे किए हैं, जिन्हें लेकर हंगामा खड़ा हो गया है. कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाया है.

क्या पढ़ाया जाता है अमेरिका की खोज को लेकर

अभी तक यही पढ़ाया जाता है कि अमेरिका की खोज 1451 में इटली में जन्मे स्पेनिश खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस ने की थी, जो भारत की खोज करने के लिए निकले थे और गलत दिशा में समुद्री सफर करते हुए 1492 में नई जमीन पर पहुंच गए थे. यही जमीन मौजूदा अमेरिका थी. ग्रेट अटलांटिक महासागर में चार महत्वपूर्ण यात्राएं करने वाले कोलंबस का खर्च स्पेन के राजा उठाते थे. अमेरिका में यूरोपीय लोगों की पहले स्थायी बस्ती भी 1493 में अपनी दूसरी यात्रा में कोलंबस ने ही हिस्पैनोलिया द्वीप पर बसाई थी. 

'अमेरिकी संग्रहालय में मौजूद हैं भारत की मौजूदगी से जुड़े सबूत'

किताबों में पढ़ाए जाने वाले इन तथ्यों को उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने गलत बताया है. उन्होंने भोपाल में बरकतउल्लाह यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा कि अमेरिका की खोज कोलबंस द्वारा करने की बात पढ़ाना गलत है. इसकी बजाय यह पढ़ाना चाहिए कि 8वीं शताब्दी में भारतीय महानाविक वसूलून ने अमेरिका की खोज की और सैन डियागो में की भारतीय शैली के मंदिर बनवाए. उन्होंने दावा किया कि इससे जुड़े सबूत अमेरिकी संग्रहालय में मौजूद हैं. उन्होंने कहा,'हमारे भारतीय पूर्वजों ने माया संस्कृति (अमेरिका की पुरातन संस्कृति) के साथ मिलकर उनके विकास में सहयोग किया. यह भारत का प्राचीन चिंतन और दर्शन है, जिसे विद्यार्थियों को पढ़ाने की आवश्यकता थी. पुर्तगाली नाविक वास्कोडिगामा ने भी भारत की खोज नहीं की थी, बल्कि वह भारतीय व्यापारी चंदन का पीछा करते हुए भारत आया था.'

'पृथ्वी के सूर्य का चक्कर काटने की बात भी हजारों साल से पता'

शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने किताबों में स्थिर सूर्य के सिद्धांत को वैज्ञानिक निकोलस कॉपरनिकस की देन बताए जाने पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने ऋग्वेद का जिक्र करते हुए कहा कि आज का वैज्ञानिक दृष्टिकोण जो कहता है, हमारे पूर्वजों ने पहले ही शास्त्रों में लिख रखा है. उन्होंने कहा,'ऋग्वेद में 8 हजार साल पहले यह लिख दिया गया था कि सूर्य स्थिर है और पृथ्वी उसके चारों ओर घूमती है. इसी तरह चंद्रमा पृथ्वी के चारों तरफ घूमता है.' 

चीन की राजधानी भी भारतीयों ने बनाई

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने चीन की राजधानी बीजिंग का निर्माण भी एक भारतीय की मदद से होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि 12वीं शताब्दी में नेपाल के वास्तुकार बलबाहु ने चीन के बीजिंग शहर का डिजाइन तैयार किया था और उसकी स्थापना में अहम मद की थी. उस समय नेपाल भारत का ही एक हिस्सा था. यह बात मैंने कुछ दिन पहले ही कहीं पढ़ी है.

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