डीएनए हिंदी: बिहार के समस्तीपुर से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामना आया है. यहां बीते मंगलवार को सरकारी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद बेटे का शव देने के लिए गरीब मां-बाप से 50 हजार रुपये की मांग की गई. परिवार के पास इतनी राशि नहीं थी मजबूरन उन्हें बेटे के शव के बिना ही गांव लौटना पड़ा. इसके बाद गांव में उन्हें आंचल फैलाकर भीख मांगते हुए देखा गया.
मामले को लेकर मृत युवक के पिता महेश ठाकुर ने बताया, कुछ दिन पहले उनका बेटा लापता हो गया था. जब कई दिनों बाद भी वह घर वापस नहीं लौटा और उसका कोई अता-पता नहीं चला तो उन्होंने पुलिस में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. इसके बाद उनके पास जिले के सदर अस्पताल से फोन आया जिसमें कहा गया कि उनके बेटे की मौत हो चुकी है और उसकी लाश अस्प्ताल में पड़ी है.
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जवान बेटे की मौत की खबर सुनकर पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई. परिवार में मातम पसर गया. बड़ी मुश्किल से होश संभालकर परिजन अपने बेटे का शव लेने अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल के एक कर्मी ने लाश के बदले उनसे 50 हजार रुपये की मांग की.
महेश का कहना है कि वह एक गरीब आदमी है, उनके पास इतने पैसे नहीं थे. इसलिए बेटे की लाश अस्पताल से छुड़ाने के लिए उन्होंने लोगों से चंदा और भीख मांगना शुरू कर दिया. महेश और उनकी पत्नी इलाके में घर-घर घूमकर लोगों से पैसे मांगने लगे. कई लोगों ने उनकी मदद भी की. साथ ही किसी के पूछने पर उन्होंने बताया कि वे आदतन भिखारी नहीं है, बल्कि बेटे की लाश अस्पताल से लाने के लिए पैसे जमा कर रहे हैं.
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इधर, मामले के सामने आने के बाद समस्तीपुर सदर अस्पताल के सिविल सर्जन एसके चौधरी का कहना है कि इसकी जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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