KTR Viral Video: चुनावी रथ पर सवार तेलंगाना के मंत्री KTR लहरा रहे थे हाथ, तभी लगा धक्का और धम से आ गिरे नीचे

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 09, 2023, 06:26 PM IST

KT Rama Rao

Telangana Viral Video: तेलंगाना में इस समय विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार जोरशोर से चल रहा है. मुख्यमंत्री KCR के बेटे केटी रामाराव भी निजामाबाद जिले में अपनी पार्टी के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे थे.

डीएनए हिंदी: Trending Video- देश के पांच राज्यों में इस समय विधानसभा चुनावों की धूम मची हुई है. राजस्थान से लेकर तेलंगाना-मेघालय तक सभी पार्टियों के दिग्गज नेता अपने-अपने कैंडिडेट्स को जिताने के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं. ऐसी भागमभाग के बीच में कई बार ऐसे नजारे देखने को मिल रहे हैं, जो हंसने पर मजबूर कर देते हैं. ऐसा ही एक वाकया तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) के बेटे केटी रामाराव (KT Ramarao) के साथ गुरुवार शाम को हुआ है. KTR के नाम से मशहूर तेलंगाना सरकार के मंत्री केटी रामाराव निजामाबाद जिले में अपनी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (Bharat Rashtra Samithi) के पक्ष में प्रचार करने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान वे रोड शो में चुनावी रथ की छत पर सवार होकर समर्थकों का अभिवादन कर रहे थे. तभी कुछ ऐसा हुआ कि केटीआर और उनके साथ खड़े बाकी नेता भी धड़ाम से सीधे कई फुट नीचे जा गिरे. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

अपने नेता के साथ दिखने के जोश ने कराई गड़बड़

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के बेटे केटी रामाराव को राज्य का भावी सीएम माना जाता है. केटी रामाराव निजामाबाद जिले में प्रचार के दौरान गुरुवार शाम को अरमूर पहुंचे थे. वहां रोड शो के दौरान उन्हें अपने बीच देखकर देखकर BRS के नेता स्थानीय नेता बेहद जोश में आ गए. हर कोई केटीआर के साथ चुनावी रथ पर दिखने की कोशिश करने लगा. इसके चलते रथ की छत पर जरूरत से ज्यादा भीड़ हो गई. धक्कामुक्की के चलते सभी का बैलेंस बिगड़ गया, जिसके चलते जनता का अभिवादन कर रहे केटी रामाराव और बाकी नेता सीधे नीचे जा गिरे. 

तेलंगाना में 30 नवंबर को होना है मतदान

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के मतदान के लिए चुनाव आयोग ने 30 नवंबर का दिन तय किया हुआ है. ऐसे में सभी दलों को प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिला हुआ है, जिसमें सभी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. राज्य में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और भाजपा की निगाहें सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति को पॉवर से बाहर करने पर टिकी हुई हैं. भाजपा तेलंगाना को कर्नाटक के बाद दक्षिण भारत में अपना दूसरा गढ़ बनाने की कोशिश में है. हालांकि साल 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बनने के बाद से तेलंगाना की राजनीति में केसीआर की BRS का ही दबदबा रहा है. 119 सदस्यीय विधानसभा में साल 2018 में हुए पिछले चुनाव में भी बीआरएस ने 88 सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 19 सीट पर जीत मिली थी और भाजपा 1 ही सीट जीत सकी थी. AIMIM ने 7 सीट जीती थी. 

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