डीएनए हिंदी: अमेरिका के रहने वाले जोसेफ विलियम्स एक रेयर बीमारी के साथ पैदा हुए थे. ओटोफेशियल सिंड्रोम नाम के इस डिसऑर्डर की वजह से उनका जबड़ा नहीं था. वह न तो बोल पाते थे न ही ठीक से खा पाते थे. खाने के लिए वह ईटिंग ट्यूब का इस्तेमाल करते थे. बात करने के लिए साइन लैंग्वेज उनका सहारा थी. उन्हें हमेशा यही लगता था कि वह जिंदगी अकेले ही गुजार देंगे. आसपास के कुछ लोगों के बर्ताव की वजह से उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस खत्म हो चुका था.
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उन्होंने कहा, मैं खुद के बेकार समझने लगा था मुझे खुद पर भरोसा तब होने लगा जब मेरी जिंदगी में प्यार आया. अब वह अपनी तरह के डिसऑर्डर के साथ जिंदगी जी रहे लोगों को यही मैसेज देना चाहते हैं कि खुद पर भरोसा रखें वह जिंदगी में बहुत कुछ अच्छा डिजर्व करते हैं.
केटर्स न्यूज एजेंसी से बातचीत में विलियम्स ने बताया, मेरे लिए डेटिंग बहुत ही मुश्किल थी क्योंकि मुझमे सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी थी. मैं वानिया से साल 2019 में मिला था. पहले हम दोस्त थे लेकिन धीरे-धीरे प्यार की शुरुआत हुई. हमने साल 2020 में शादी कर ली. मुझे पता है कि लोगों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि मेरी शादी होगी. क्योंकि कोई मेरे करीब रहना पसंद नहीं करता था. लोग मुझे देखकर भाग जाया करते थे. मेरे साथ अलग तरह से बर्ताव किया करते थे. इस वजह से कई बार उनके दिमाग में सुसाइड का खयाल भी आया लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी.
उन्होंने कहा, जरूर कोई वजह होगी तभी मुझे भगवान ने इस तरह बनाया. उन्होंने मुझे यह भार दिया क्योंकि वह जानते थे कि मैं इसे उठा सकता हूं. मैं जानता हूं कि मैं अलग हूं. लोग सोचेंगे कि मैं बदशक्ल हूं. वे मुझे नहीं अपनाएंगे लेकिन नेरे पास भी दिल है, भावनाएं हैं और दिमाग है. मुझे ही सम्मान मिलना चाहिए जैसा कि किसी और नॉर्मल इंसान को मिलता है.
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