डीएनए हिंदी: दिल्ली के एक पांच सितारा होटल के सलून को एक मॉडल के बाल गलत तरीके से काटना महंगा पड़ गया. राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग (NCDRC) ने सलून को महिला को 2 करोड़ रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है. यह मामला सितंबर 2021 का है. हालांकि, NCDRC के इस फैसले के खिलाफ सैलून ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद कोर्ट ने आयोग को फिर से पुनरीक्षण करने का आदेश दिया था. लेकिन अब सर्वोच्च अदालत के आदेश पर अमल करने के बाद आयोग ने पुराने आदेश को बरकरार रखा है.
एनसीडीआरसी ने अपने आदेश में कहा था कि महिलाएं अपने बालों का बहुत ख्याल रखती हैं और उनकी केयर के लिए काफी पैसा खर्च भी करती हैं. महिलाओं उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ी रहती हैं. आयोग ने सैलून को सितंबर 2021 में दो करोड़ रुपये देने का आदेश दिया था. साथ ही जब से ये घटना हुई तब से भुगतान करने तक 9 फीसदी ब्याज देने के लिए भी कहा था.
क्या था पूरा मामला?
शिकायत के मुताबिक, मॉडल आशना रॉय अपने जॉब इंटरव्यू से एक हफ्ते पहले 12 अप्रैल 2018 को दिल्ली के एक पांच सितारा होटल के सलून में गई थी. इस दिन उनकी रेगुलर हेयर ड्रेसर की गैर हाजिरी में दूसरे ड्रेसर ने उनके बाल गलत तरीके से काट दिए. आशना ने हेयर ड्रेसर से आगे से लंबे ‘फ्लिक्स’ रखने और पीछे से बालों को चार इंच काटने के लिए कहा था. लेकिन उसने महज 4 इंच बाल छोड़कर उसके लंबे बाल पूरी तरह से काट दिए. अपने बालों की ऐसी हालत देख मॉडल सदमे में चली गई.
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आशना ने जब इसकी शिकायत होटल प्रबंधन से की तो उन्होंने फ्री हेयर ट्रीटमेंट देने की पेशकश की. हालांकि उससे बाल और रूखे और बेरंग हो गए. मॉडल ने जब इसके लेकर गुस्सा हुईं तो सलून स्टाफ अपमानजक लहजे में बदतमीजी पर उतर आया. उन्होंने इसकी शिकायत राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग से की. शिकायत में मॉडल ने बताया कि इस गलत कटिंग की वजह से उनका इंटरव्यू का अवसर भी हाथ से निकल गया और वो जीवन का सबसे अहम अवसर से चूक गईं.
आयोग अपने आदेश पर बरकरार
आशना ने शिकायत में होटल से लिखित में माफी मांगने के साथ तीन करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की. आयोग में जस्टिस आरके अग्रवाल और डॉक्टर एमएस कांटिकर ने 2021 में होटल के सैलून को 2 करोड़ रुपये नौ फीसदी ब्याज के साथ देने का आदेश दिया. होटल ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट ने आयोग से पुनर्विचार करने के लिए कहा लेकिन आयोग को अपने आदेश में कोई खामी नहीं मिली.
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