डीएनए हिंदी: Viral News in Hindi- अब तक दादी-नानी की कहानियों में जिन जलपरियों का जिक्र होता रहा है, उनकी मौजूदगी वास्तविकता में कभी तय नहीं हो सकी है. लेकिन अब समुद्र किनारे एक ऐसी लाश मिली है, जिसे देखकर वैज्ञानिक हैरान हैं तो स्थानीय लोगों की नींद उड़ गई है. दरअसल पापुआ न्यू गिनी के सिम्बरी द्वीप के तट पर एक रहस्यमयी समुद्री जीव की सड़ी हुई लाश मिली है, जो बिल्कुल जलपरी जैसा लग रहा है. हालांकि लाश पूरी तरह सड़ चुकी थी, इसलिए उसकी सही पहचान नहीं हो सकी है. इसके बावजूद स्थानीय लोग इसे जलपरी की लाश मानकर खौफजदा हो रहे हैं. वैज्ञानिक भी इस रहस्यमयी जीव को देखकर हैरान हैं. हालांकि उन्होंने इसकी तस्वीरें देखकर इसके ग्लोबस्टर होने की संभावना जताई है. कुछ एक्सपर्ट्स ने इसे व्हेल का शव माना है, जिसकी त्वचा शव के सड़ जाने के कारण उतर गई है. फिलहाल इसे लेकर वैज्ञानिक समुदाय में बहस जारी है.
20 सितंबर को मिला था शव, स्थानीय लोगों ने जमीन में दफना दिया
पापुआ न्यू गिनी में एक छोटा ज्वालामुखी द्वीप सिम्बरी है. करीब 1 हजार लोगों की आबादी वाले इसी द्वीप के तट पर यह शव एक महीने पहले मिला था. 20 सितंबर को शव मिलते ही पूरे द्वीप पर हड़कंप मच गया था. हर कोई इसे देखकर हैरान था. सभी जलपरी का शव देखने के लिए द्वीप के तट पर पहुंच गए थे. स्थानीय लोगों ने शव की तस्वीरें क्लिक करने के बाद गड्ढा खोदकर उसे जमीन में दफना दिया था. इसके चलते वैज्ञानिकों को उस जीव के बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल सके हैं. न्यू आयरलैंडर्स ओनली नाम के फेसबुक अकाउंट से इस बिल्कुल जलपरी सी दिखने वाली जीव की तस्वीरें शेयर की गई है.
वैज्ञानिक इसे कोई अज्ञात समुद्री जानवर मान रहे
LIve Science की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जीव के फोटो देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं और समझ नहीं पा रहे हैं कि यह किसका शव है. वैज्ञानिक इसे कोई अज्ञात समुद्री जानवर या ग्लोबस्टर मान रहे हैं, जिसकी उत्पत्ति का पता लगाना बेहद कठिन है. शव के अधिकांश हिस्सा सड़ चुका था और अंग टूटकर समुद्र में ही गिर चुके थे. जलपरी की मानी जा रही इस लाश का आकार और वजन भी नहीं पता लग पाया है, क्योंकि ग्रामीणों ने इसे पहले ही दफना दिया था.
क्या होता है ग्लोबस्टर
वैज्ञानिक भाषा में ग्लोबस्टर उन समुद्री जीवों की कैटेगरी है, जिनकी अब तक पहचान नहीं हो सकी है. इन जीवों के अवशेष मिलते रहे हैं, लेकिन इनकी पहचान नहीं हो पाती है. इस जीव को भी ग्रामीणों द्वारा पहले ही दफना देने के कारण इसकी पहचान नहीं हो सकी है. किसी ने दफनाने से पहले इस जीव के डीएनए सैंपल भी नहीं लिए हैं. इस कारण इस जीव अवशेष की सही पहचान मुश्किल हो गई है. लाइव साइंस से बातचीत में ऑस्ट्रेलिया की जेम्स कुक यूनिवर्सिटी की पर्यावरण वैज्ञानिक हेलेन मार्श ने इसे एक समुद्री स्तनपायी यानी व्हेल या डॉल्फिन जैसा बताया, जबकि स्कॉटलैंड की सेंट एंड्रयूज यूनिवर्सिटी की एक्सपर्ट साशा हुकर ने इसे स्पष्ट तौ पर व्हेल या डॉल्फिन का ही अवशेष माना है, जिसका रंग शव सड़ने के कारण त्वचा गिर जाने से सफेद हो गया है.
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