Lesbian Couple को सताने लगा डर, शादी को मान्यता मिलेगी या नहीं? जानिए क्यों परेशान है LGBTQ कम्युनिटी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 15, 2023, 01:00 PM IST

पायल और यश्विका ने हाल ही में की थी शादी. 

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह का विरोध किया है. केंद्र का मानना है कि यह सामाजिक ढांचे के हिसाब से ठीक नहीं है.

डीएनए हिंदी: देश में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता मिलती नजर नहीं आ रही है. मौजूदा सरकार समलैंगिकता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तर्क दे चुकी है. केंद्र सरकार का कहना है कि इसकी वजह से कई कानूनी मु्श्किलें पैदा हो सकती हैं. केंद्र सरकार के विरोध के बाद समलैंगिक शादी कर चुके प्रेमी जोड़ों को अपनी शादी अवैध होने का डर सता रहा है.

सोशल मीडिया पर चर्चित लेस्बियन कपल यश्विका और पायल ने हाल ही में शादी की थी. इनकी शादी की चर्चा देशभर में हुई थी. अब इस लेस्बियन दंपति को डर सता रहा है कि इनकी शादी को कानूनी मान्यता नहीं मिल रही है. यश्विका इतनी हताश हैं कि उन्होंने एक वीडियो में कहा कि हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में क्या बदलाव हो सकता है. यश्विका को भरोसा है कि यह समाज उन्हें सपोर्ट करेगा.

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यश्विका ने एक वीडियो में कहा है कि हमें चीजों को सामान्य तरीके से देखना चाहिए, यही वजह है कि हम बार-बार अपनी शादी से जुड़े वीडियो शेयर करते हैं. LGBTQ कम्युनिटी पर भी इन्होंने साथ न देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि दोनों लड़की हैं तो शादी के दौरान एक ने क्यों शेरवानी पहनी, लहंगा क्यों नहीं. उन्होंने खुद अपने समाज में भेदभाव किया है. वहीं पायल का कहना है कि  समाज को एकजुटता दिखाने की जरूरत है.

क्यों डरा है LGBTQ समुदाय?

LGBTQ कम्युनिटी के लोग उम्मीद जता रहे थे कि सरकार का समलैंगिक शादियों पर रुख आधुनिकता के हिसाब से होगा. सरकार अपने पारंपरिक रुख पर कायम है. सरकार का कहना है कि शादी दो विपरीत लिंग के लोगों के बीच ही हो सकती है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो समाज के कई कानूनों पर इसका अर पड़ेगा. सरकार के इस फैसले से समलैंगिक दंपतियों का भविष्य अधर में लटक गया है क्योंकि कई लोगों ने समलैंगिक शादी की है.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का रुख?

सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक शादियों को लेकर चल रही सुनवाई को अब चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने संवैधानिक बेंच को रेफर कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि संवैधानिक पीठ इस केस की सुनवाई करेगी. समलैंगिक समुदाय अब सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद कर रहा है.

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