Traffic Barricade को समझ लिया शिव लिंग, दूर-दूर से पूजा पाठ के लिए आने लगे श्रद्धालु

| Updated: May 18, 2022, 10:17 AM IST

कुछ हिंदू लोगों ने समझा की जमीन के नीचे से शिवलिंग प्रकट हुआ है. बस फिर क्या था इस शिवलिंग की पूजा शुरू हो गई.

डीएनए हिंदी: श्रद्धा और भक्ति के भाव सबके लिए अलग होते हैं. कोई खुद को ही भगवान समझता है तो किसी को पत्थर में भी भगवान दिखने लगते हैं. अमेरिका के सैन फ्रेंसिस्कों में सालों पहले एक ऐसी घटना हुई थी. यहां लोगों ने एक ट्रैफिक बैरिकेड को शिवलिंग समझ लिया था और फिर पूजा-पाठ का ऐसा दौर चला कि लोग दूर-दूर से इसके दर्शन के लिए आने लगे. यह घटना साल 1993 की है. गोल्डन गेट पार्क में शिवलिंग जैसा दिखने वाला एक ट्रैफिक बैरियर रखा हुआ था.

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कुछ हिंदू लोगों ने समझा की जमीन के नीचे से शिवलिंग प्रकट हुआ है. बस फिर क्या था इस शिवलिंग की पूजा शुरू हो गई. लोग दूर-दूर से आते थे पूजा अर्चना करते थे. फल,फूल,दूध,शहद चढ़ाते थे और भगवान का आशीर्वाद लेते थे. श्रद्धा के रंग में रंगे किसी भी श्रद्धालु ने यह नहीं सोचा कि शिवलिंग की असलियत क्या है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक एक क्रेन ऑपरेटर ने यह पत्थर और कुछ और दूसरे पत्थर रखे थे ताकि इन्हें पार्क के एंट्रेंस पर एक बैरिकेड की तरह इस्तेमाल किया जा सके.

कई लोग चाहते थे इस पार्क में एक मंदिर बना दिया जाए लेकिन प्रशासन इसके लिए राजी नहीं था. वह शहर की प्रॉपर्टी पर कोई मंदिर नहीं बनाना चाहते थे. उनके मुताबिक पब्लिक प्रॉपर्टी को धार्मिक स्थान बनाना ठीक नहीं था. जब पार्क में पूजा-पाठ के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी तो इस पत्थर को सनसेट डिस्ट्रिक्ट के एक स्टूडियो में शिफ्ट कर दिया गया. साथ ही यह भी कहा गया कि अगर कोई चाहे तो वहां जाकर इसे देख सकता है. इसमें आस्था रखने वाले इस फैसले से खुश नहीं थे लेकिन पार्क आने-जाने वालों के लिए असुविधा को देखते हुए इस फैसले को स्वीकार कर लिया गया.

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