डीएनए हिंदी: Bhopal News- एक आदमी को महज पेशाब करने के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ने का खामियाजा 6,000 रुपये गंवाकर भुगतना पड़ा है. जब वह व्यक्ति पेशाब कर रहा था, तभी ट्रेन चल दी और उसके दरवाजे लॉक्ड हो गए. इसके बाद उस व्यक्ति को उज्जैन तक जाना पड़ा. इस बीच उसका 6,000 रुपये का नुकसान हो गया. यह घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रेलवे स्टेशन पर 15 जुलाई को हुई है, जो अब सोशल मीडिया पर बेहद चर्चा में है.
हैदराबाद से सिंगरौली जा रहा था अब्दुल
दरअसल हैदराबाद निवासी अब्दुल कादिर अपनी बेगम और 8 साल के बेटे के साथ मध्य प्रदेश के सिंगरौली शहर जा रहा था. अब्दुल मूल रूप से सिंगरौली का ही रहने वाला है. वह ड्राईफ्रूट का व्यापारी है. उसने एक दुकान हैदराबाद में और दूसरी दुकान सिंगरौली में खोल रखी है. वह इन दोनों दुकानों की देखभाल के लिए नियमित रूप से हैदराबाद से सिंगरौली जाता रहता है. अब्दुल को सिंगरौली जाने के लिए भोपाल रेलवे स्टेशन से दक्षिण एक्सप्रेस ट्रेन पकड़नी थी. वे हैदराबाद से भोपाल स्टेशन पर 15 जुलाई की शाम 5.20 बजे पहुंच गए थे, लेकिन सिंगरौली जाने वाली ट्रेन रात 8.55 पर रवाना होनी थी. इस कारण वे प्लेटफार्म पर ही इंतजार कर रहे थे.
प्रेशर लगा तो सामने खड़ी ट्रेन में ही चढ़ गया अब्दुल
रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करने के दौरान अब्दुल को पेशाब का प्रेशर लगा. उसे प्लेटफार्म पर आसपास कोई टॉयलेट नहीं दिखा. इस दौरान प्लेटफार्म पर इंदौर जाने वाली वंदे भारत ट्रेन खड़ी हुई थी. अब्दुल उसी ट्रेन के एक कोच में बाथरूम के अंदर चला गया. जब वह पेशाब कर रहा था, इसी दौरान ट्रेन चलने लगी. इस पर वह जल्दी से बाथरूम से बाहर आया, लेकिन तब तक ट्रेन चल चुकी थी और उसके दरवाजे लॉक्ड हो चुके थे.
3 टीसी और 4 पुलिसकर्मियों ने नहीं की मदद
अब्दुल का आरोप है कि उसने अलग-अलग कोच के तीन टिकट कलेक्टर्स (TC) और चार पुलिसकर्मियों से मदद मांगी, लेकिन उन्होंने हाथ खड़े कर दिए. सभी ने कहा कि ट्रेन के दरवाजे केवल ड्राइवर ही खोल सकता है. अब्दुल के मुताबिक, उसने ट्रेन ड्राइवर को अप्रोच करने की कोशिश की, लेकिन उसे ऐसा करने से रोक दिया गया.
ऐसे लगा 6,000 रुपये का झटका़
अब्दुल को वंदे भारत ट्रेन में बेटिकट यात्रा करने के लिए 1,020 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा. ट्रेन भोपाल से चलकर सीधे उज्जैन जाकर रूकी. वहां से अब्दुल को बस में सवार होकर वापस भोपाल आने के लिए 750 रुपये खर्च करने पड़े. उधर, अब्दुल को गायब देखकर उसकी पत्नी और बेटा भी चिंता में आ गए और उन्होंने भी सिंगरौली जाने वाली दक्षिण एक्सप्रेस में सवार होने के बजाय अब्दुल को तलाशना शुरू कर दिया. अब्दुल के मुताबिक, दक्षिण एक्सप्रेस में सिंगरौली जाने के लिए उसने 4,000 रुपये के टिकट खरीदे थे, लेकिन यात्रा नहीं कर पाने से यह पैसा भी बेकार हो गया. इस तरह उसे महज ट्रेन के अंदर घुसकर टॉयलेट करने का खामियाजा करीब 6,000 रुपये गंवाकर भुगतना पड़ा.
वंदे भारत ट्रेन में इमरजेंसी सिस्टम नहीं होने का उठाया मुद्दा
अब्दुल का आरोप है कि वंदे भारत ट्रेन में इमरजेंसी सिस्टम (ट्रेन रोकने वाली जंजीर आदि) नहीं है, इसके चलते वह ट्रेन में फंसा रहा और उसके परिवार को मानसिक उत्पीड़न से गुजरना पड़ा. अब्दुल को यकीन है कि उसके साथ हुई इस घटना से वंदे भारत ट्रेनों में इमरजेंसी सिस्टम की जरूरत की तरफ सभी का ध्यान जाएगा.
हालांकि अब्दुल के इस तर्क को रेलवे अधिकारी गलत बताते हैं. भोपाल रेलवे डिवीजन के PRO सूबेदार सिंह के मुताबिक, वंदे भारत ट्रेनों की रवानगी से पहले अनाउंसमेंट किया जाता है, जिसमें बताया जाता है कि कौन सा दरवाजा खुलेगा और कौन सा लॉक्ड है. उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा उपाय एक्सीडेंट की घटनाओं को कम करने और यात्रियों की सेफ्टी सुनिश्चित करने के लिए रखा गया है.
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