मिस्र (Egypt) का वैली ऑफ किंग्स (Valley of The Kings) में मिस्र के शाही शासकों की ऐसी कब्रे हैं, जिनका इतिहास हजारों साल का है. यह मिस्र के दक्षिणी भाग में है. यह इलाका नील नदी के पश्चिम में स्थिति है. दुनियाभर के आर्कियोलॉजिस्ट इस घाटी की रहस्यमयी दुनिया को देखना चाहते हैं.
वैली ऑफ किंग्स के नीचे कई राज दबे हैं,जिन्हें लोग सुलझाना चाहते हैं. साल 1922 में यहां राजा तूतनखामेन की कब्र मिली, जिसे दुनिया के हजारों लोग हर दिन देखने पहुंचते हैं.
रेत की खुदाई में मिले अतीत के निशान
साल 1917 में ब्रिटेन के आर्कियोलॉजिस्ट हॉवर्ड कार्टर ने ब्रिटिश नागरिक लॉर्ड कार्नारवॉन की मदद से वैली ऑफ किंग्स में खुदाई शुरू की थी. उन्हें यह भरोसा नहीं था कि रेत की खुदाई में कुछ निकलेगा.
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वैली ऑफ किंग्स की कब्रों की खुदाई शताब्दियों से हो रही है. उनमें से कीमती सामान पहले ही निकाले जा चुके हैं. हॉवर्ड कार्टर हर दिन खुदाई करते रहे.
ऐसे मिली तहखाने की राह
एक दिन उन्हें रेत के नीचे एक तहखाना मिला. उन्होंने खुदाई शुरू की लेकिन कोई राह ही नहीं मिल रही थी. हॉवर्ड कार्टर ने दो साल की मेहनत के बाद तहखाने की राह ढूंढ ली. 1922 के नवंबर के महीने में सीढ़ी के भीतर किसी तरह दाखिल हुए. उन्होंने मोमबत्ती जलाई तो उनकी आंखें चौंधिया गईं.
Tomb of Tutankhamun में क्या-क्या मिला?
नेशनल जियोग्राफिक की रिपोर्ट में जिक्र है कि इस तहखाने से 2,000 से ज्यादा जीचें मिलीं. ये वे चीजें थीं जिनका हर दिन इस्तेमाल होता था. इसमें कपड़े, गहने, रथ, तकिया, राजा का सिंहासन और सोने की मूर्तियां मिलीं.
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खाजने को समझने में लग गए 10 साल
इन मूर्तियों के बारे में कहा गया कि तूतनखामेन के सहायकों की ये मूर्तियां हैं. उनके साथ सेविकाएं भी थीं. रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस तहखाने में इतने सामान मिले कि उन्हें गिनने में 10 साल लग गए. इनमें करीब 5,000 से ज्यादा सामान मिले.
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तूतनखामेन की ममी के मुंह पर जो मास्क लगा था, वह बेशकीमती रत्नों से मिलकर बनाया गया था. इन्हें मिस्र के काहिरा म्यूजियम में रखी गई हैं.
कौन थे तूतनखामेन?
तूतनखामेन के बारे में कहा जाता है कि 1332 ईसा पूर्व में वे इजिप्ट के फेरोआ बने थे. उनकी 18 साल की उम्र में मौत हो गई थी. उनकी शाही जिंदगी उनकी कब्र से ही पता चल रही थी, जिसे दुनिया के लाखों लोग हर साल देखने पहुंचते हैं.
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