Chroming क्या है, जिसके कारण जा रही बच्चों की जान, कहीं आपका बेटा भी तो नहीं इसके जाल में?

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Mar 08, 2024, 08:51 PM IST

What Is Chroming: सोशल मीडिया पर बहुत सारे चैलेंज बच्चों को आकर्षित करते रहते हैं. इनमें से कुछ चैलेंज जानलेवा होते हैं. ऐसा ही जानलेवा चैलेंज Chroming इस समय ट्रेंड हो रहा है.

What is Chroming: यदि आपका बच्चा भी हर समय मोबाइल पर वर्चुअल वर्ल्ड में खोया रहता है तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है. सोशल मीडिया पर अनगिनत चैलेंज बच्चों को आकर्षित करते रहते हैं, जिनमें से कई जानलेवा साबित होते हैं. ऐसा ही एक चैलेंज इस समय बेहद वायरल हो रहा है, जो ब्रिटेन में 11 साल के बच्चे की मौत का कारण बन गया है. Chroming नाम का यह वायरल चैलेंज बेहद खतरनाक है, जिसे पूरा करते समय मामूली सी गलती भी बच्चे को मौत के पंजे में फंसा सकती है. 

पहले जान लेते हैं ब्रिटेन में हुई घटना

ब्रिटेन के लैंकस्टर में 11 साल के टॉमी-ली ग्रेसी बिलिंगटन को सोशल मीडिया के लिए क्रेजी रहने वाले लड़के के तौर पर पहचाना जाता था. टॉमी-ली के परिवार के मुताबिक, उसकी मौत तब हो गई, जब वह सोशल मीडिया पर बेहद पॉपुलर हो रहे चैलेंज Chroming को पूरा करने में गलती कर गया.उसकी दादी टीना बर्न्स के मुताबिक, TikTok पर पॉपुलर हो रहे Chroming चैलेंज को टॉमी-ली ने अपने एक दोस्त के घर पर पूरा करने की कोशिश की थी. इसी दौरान उसकी मौत हो गई. टीना बर्न्स ने सोशल मीडिया के दिग्गजों से बच्चों की सुरक्षा के लिए ज्यादा सख्त नियम लागू करने की मांग की है. 

अब जान लीजिए क्या है क्रोमिंग

Chroming किसी भी तरह के धुएं को सूंघने का अभ्यास है. इनमें अमूमन घर में मिलने वाले सामान जैसे स्प्रे पेंट, डियोडरेंट या एयर फ्रेशनर आदि को सूंघा जाता है. युवा इस तरह के धुएं या भापनुमा चीजों को ज्यादा से ज्यादा देर तक सूंघने के चैलेंज को Chroming नाम दे रहे हैं, जबकि यह बेहद हानिकारक होता है. डॉक्टरों के मुताबिक, इस तरह की चीजों को सूंघने से नर्वस सिस्टम अचानक हाई लेवल पर बूस्ट हो जाता है, जो युवाओं को बेहद आकर्षित करता है. लेकिन इसके बेहद बुरे दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिनमें उन्हें दिल का दौरा पड़ने, फेफड़ों में समस्या होने, दिमाग को नुकसान होने या सांस लेने से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इनके चलते किसी की भी अचानक मौत हो सकती है.

पिछले साल चर्चा में आया था क्रोमिंग

रिपोर्टों के अनुसार, क्रोमिंग या जहरीले धुएं को अंदर लेने का चैलेंज पहली बार पिछले साल तब सुर्खियों में आया था, जब ऑस्ट्रेलिया में एक 13 वर्षीय लड़की की स्प्रे डियोडरेंट के कारण कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी. वह लड़की अपने दोस्तों के साथ सोते समय 'क्रोमिंग चैलेंज' में भाग ले रही थी.

पूरी दुनिया में बच्चों की जान ले रहा है Chroming

ब्रिटेन में क्रोमिंग का शिकार हुए टॉमी-ली की दादी टीना बर्न्स के मुताबिक, Chroming नाम के सोशल मीडिया चैलेंज के चलते पूरी दुनिया में सैकड़ों बच्चों की मौत हो चुकी है. उनका कहना है कि दुर्भाग्य से इस चैलेंज से जुड़े खतरों को जानते हुए भी बहुत सारे युवा साथियों के दबाव में इसे करने की कोशिश करते हैं. सोशल मीडिया पर स्टारडम हासिल करने की चाहत भी युवाओं को इस खतरे को उठाने के लिए प्रेरित कर रही है. बर्न्स ने कहा कि दिग्गज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के पास ऐसे खतरनाक चैलेंज से बचाव के लिए युवाओं को ज्यादा जानकारी देने और उन्हें शिक्षित करने की मांग वाली बहुत सारी रिक्वेस्ट लंबित हैं. साथ ही लोगों को इस जोखिम भरे शौक में शामिल होने से रोकने की पहल भी की जा रही है. इसके बावजूद युवा इस खतरनाक चैलेंज की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. 

क्यों चर्चित हो रहा है यह खतरनाक चैलेंज

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर युवाओं की तरफ से क्रोमिंग करते हुए वीडियो बनाकर पोस्ट किए जा रहे हैं. ऐसे वीडियो दूसरे युवाओं की नजर में आने के बाद वे भी इसकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं.

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