जानें क्या है PM Kusum Yojana, जो बदल रही है भारतीय किसानों की जिंदगी
Anamika Mishra
पीएम कुसुम योजना एक ऐसी योजना जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को डीजल और बिजली से मुक्त करना, साथ ही साफ ऊर्जा के जरिए सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना, उनकी आय को बढ़ाना और पर्यावरण के प्रदूषण को कम करना है.
पीएम कुसुम योजना के तहत किसान अपनी जमीन पर 10,000 मेगावाट तक के सूरज की ऊर्जा से चलने वाले प्लांट लगा सकते हैं. साथ ही, सोलर मोटर पंप भी लगा सकते हैं.
योजना के तहत किसान, जल उपयोगकर्ता संघ, पैक्स या फिर समूह और कलस्टर आधारित सिंचाई प्रणाली का फायदा मिल सकता है.
पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता दी जाती है. इसमें किसानों को सब्सिडी भी दी जाती है.
योजना के तहत सोलर उपकरण खरीदने के लिए डिस्कॉम को 40 पैसे प्रति किलोवाट या 6.60 लाख रुपये प्रति मेगावाट हर साल इंसेंटिव दिया जाता है.
DISCOMs को प्लांट के कमर्शियल ऑपरेशन की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए PIB दिया जाता है. DISCOMs को कुल 33 लाख रुपये प्रति मेगावाट दिया जाता है.
पीएम कुसुम योजना के कुछ नियमों को राज्य की 30% हिस्सेदारी के बिना भी लागू किया जा सकता है.
केंद्रीय वित्तीय सहायता 30 प्रतिशत बनी रहेगी और बाकी 70% किसान द्वारा भरा जाएगा.
कृषि फीडर सोलराइजेशन के लिए 1.05 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट तक की केंद्रीय वित्तीय सहायता दी जाती है .
फीडर सोलराइजेशन को CAPEX या RESCO मोड में लागू किया जा सकता है.