आज के समय में सिर्फ डॉक्टर या इंजीनियर बनना ही युवाओं का सपना नहीं रहा. कई युवा ऐसे हैं जिन्होंने MBBS जैसी कठिन डिग्री हासिल करने के बाद अपने मेडिकल करियर को बाय-बाय कह दिया और यूपीएससी CSE क्रैक कर आज IAS या IPS बनकर देश की सेवा कर रहे हैं.
अर्तिका शुक्ला: अर्तिका शुक्ला ने दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है. वह 2015 में यूपीएससी सीएसई में चौथी रैंक हासिल कर आईएएस बनीं. फिलहाल वह राजस्थान के जिले खैरथल-तिजारा की डीएम हैं.
रोमन सैनी- रोमन सैनी ने एम्स से साल 2013 में मेडिकल डिग्री हासिल की है. उन्हें 22 साल की उम्र में यूपीएससी में 18वीं रैंक मिली. लेकिन वे सिविल सेवा छोड़ अब ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म अनएकेडमी के को-फाउंडर हैं.
स्नेहा अग्रवाल: साल 2011 में उन्होंने यूपीएससी सीएसई टॉप किया. उन्होंने भी दिल्ली के एम्स से एमबीबीएस किया है. वर्तमान में वह पंजाब में सोशल सिक्योरिटी, विमेन एंड चाइल्ड डेवलेपमेंट की डायरेक्टर कम स्पेशल सेक्रेटरी हैं.
अरुण थंबुराज: अरुण थंबुराज ने भी IAS अधिकारी बनने के लिए मेडिकल करियर छोड़ दिया. उन्होंने साल 2012 में 6वीं रैंक हासिल की और फिलहाल तमिलनाडु में कुड्डालोर के डीएम हैं.
भारती दीक्षित: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से एमबीबीएस डिग्री हासिल करने के बाद भारती दीक्षित ने 2013 में यूपीएससी सीएसई में 5वीं रैंक हासिल की. फिलहाल वह राजस्थान के अजमेर की कलेक्टर हैं.
डॉ. सैयद सबाहत अजीम: मेडिकल करियर छोड़कर 2000 में यूपीएससी क्लियर की. सिविल सेवा छोड़ने के बाद अब वह कोलकाता में ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम्स के संस्थापक और सीईओ हैं.
के विजयकार्तिकेयन- साल 2009 में एमबीबीएस पूरा हुआ और साल 2010 में के विजयकार्तिकेयन ने यूपीएससी क्लियर की. वह वर्तमान में वह तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले के डीएम हैं.