क्यों Scooty चलाने वाली लड़कियों का नहीं उड़ाना चाहिए मजाक? Acharya Prashant से जानें
Jaya Pandey
अद्वैत फाउंडेशन के संस्थापक आचार्य प्रशांत ने उन लोगों को जवाब दिया है जो स्कूटी चलाने वाली लड़कियों को 'पापा की परी' कहकर चिढ़ाते हैं और सोशल मीडिया पर उनपर फनी मीम्स शेयर करते हैं.
आचार्य प्रशांत ने लड़कों से कहा- 'जब तुम 12-14 साल के होते हो तो पापा की बाइक लेकर भागते हो. लड़की 20-21 साल की होती है तो कॉलेज जाने के लिए एक बार स्कूटी चलाने को पाती है.'
उन्होंने कहा- 'अब उससे ठीक से चलाते ना बने तो तुम उसका वीडियो और रील बनाकर सोशल मीडिया पर डालते हो और खूब ताली पीटते हो कि ये देखो ये पापा की परी हैं, इन्हें स्कूटी चलाने नहीं आती.
'उसने भिड़ाई इसलिए क्योंकि उसे कभी चलाने को भी नहीं मिली. वो तुम्हारी तरह नहीं 12 की उम्र से पापा की बाइक लेकर भागा करती थी. उसको अनुमति ही नहीं थी भागने की.'
उन्होंने आगे कहा- 'सड़क पर वो गाड़ी चला रही है और उससे गाड़ी चलाते न बने, उसमें आत्मविश्वास नहीं है तो तुम उसका मजाक उड़ाते हो'.
'तुम ये भी तो देखो कि उसने गाड़ी चलाई है आज तक 450 किलोमीटर और तुमने चलाई है 45000 किलोमीटर. तो कहां से उसमें आत्मविश्वास आएगा. वो धीरे-धीरे चलाती है, कोने में हॉर्न बजाते हुए, सब खूब हंसते हैं कि इसको तो कुछ आता ही है. ऐसा करना बहुत गलत है.